राजराजेश्वरी नगर में ‘ज्ञानशाला दिवस’ का आयोजन

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जीवन निर्माण में संस्कारों के महत्व पर जोर
राजराजेश्वरी नगर,10 अगस्त। राजराजेश्वरी नगर के तेरापंथ भवन में आज युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री पुण्ययशा जी (ठाणा-4) के पावन सान्निध्य में ज्ञानशाला दिवस का भव्य आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रातः 9 बजे राजराजेश्वरी नगर और केंगेरी की ज्ञानार्थी (विद्यार्थी) और प्रशिक्षिकाएं एक भव्य रैली के साथ राजराजेश्वरी नगर तेरापंथ भवन पहुँचीं, जिससे उत्साह का वातावरण बन गया।
संस्कारों का महत्व और बच्चों को प्रेरणा
साध्वी श्री पुण्ययशा जी ने अपने मंगल उद्बोधन में बच्चों को एक प्रेरक कहानी के माध्यम से सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि बच्चों को सर्वप्रथम संस्कार माता-पिता से ही मिलते हैं, और उसके बाद पाठशाला व ज्ञानशाला से बच्चे संस्कारित होते हैं। यह बच्चों के सर्वांगीण विकास में ज्ञानशाला की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।

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सभाध्यक्ष राकेश छाजेड़ ने अभिभावकों को अपने बच्चों को ज्ञानशाला भेजने के लिए प्रेरित किया, ताकि वे अच्छे संस्कार ग्रहण कर सकें। ज्ञानशाला संयोजिका श्रीमती नीतू बाफना ने सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया, जबकि केंगेरी ज्ञानशाला की संयोजिका श्रीमती पूनम दक ने अपनी भावाभिव्यक्ति प्रस्तुत की।

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बच्चों की मनमोहक प्रस्तुतियां
राजराजेश्वरी नगर और केंगेरी के बच्चों ने ज्ञानशाला के महत्व और आवश्यकता को प्रतिपादित करते हुए प्रेरक नाटक और गीतिकाएँ प्रस्तुत कीं। इन प्रस्तुतियों ने एक बहुत ही मनोहर वातावरण का निर्माण किया और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमती अमिता छाजेड़ ने किया, और अंत में श्रीमती सीमा सहलोत ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस आयोजन में तेरापंथ सभा, ट्रस्ट, तेयुप (तेरापंथ युवक परिषद), महिला मंडल के पदाधिकारी सहित अच्छी संख्या में अभिभावक और श्रावक समाज के सदस्य उपस्थित रहे, जो ज्ञानशाला के प्रति उनके समर्थन और आस्था को दर्शाता है।

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