गिव अप अभियान’ की ऐतिहासिक सफलता: 37 लाख अपात्रों का स्वैच्छिक त्याग



बीकानेर, 9 अक्टूबर। राजस्थान सरकार का ‘गिव अप अभियान’ सामाजिक न्याय और स्वैच्छिक त्याग की भावना का एक आदर्श उदाहरण बनकर उभरा है। इस अभियान के तहत 37 लाख से अधिक अपात्रों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा का त्याग किया है, जिसके परिणामस्वरूप 65 लाख से अधिक नए पात्र वंचितों को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ मिलना शुरू हो गया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने इसे गरीबों के हक में सेंधमारी रोकने वाला सामाजिक कर्तव्य बताया।
गिव अप अभियान की मुख्य उपलब्धियाँ
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में वास्तविक हकदारों तक लाभ पहुँचाने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है:
स्वैच्छिक त्याग: लगभग 37.62 लाख अपात्र लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा छोड़ी है।
ई-केवाईसी से निष्कासन: 27 लाख से अधिक लोगों ने ई-केवाईसी नहीं करवाई, जिससे उनका नाम स्वतः सूची से हट गया।




नए लाभार्थी: 26 जनवरी 2025 को पोर्टल के पुनः शुरू होने के बाद से अब तक 65.25 लाख नए पात्र लाभार्थी खाद्य सुरक्षा से जोड़े जा चुके हैं।



लाभ: इन नए लाभार्थियों को मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना (₹450 में 12 सिलेंडर), मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना (₹10 लाख बीमा), और मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना (निशुल्क चिकित्सा) का भी लाभ मिल रहा है।
अवधि विस्तार: अभियान की सफलता को देखते हुए इसकी अवधि 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दी गई है।
बीकानेर की प्रगति: बीकानेर जिले में 1,18,702 संपन्न लोगों ने स्वेच्छा से त्याग किया, जिससे बनी रिक्तियों पर 1,38,062 पात्र लोगों को जोड़ा गया है।
अपात्रों पर सख्ती और वसूली
मंत्री ने स्पष्ट किया कि 31 अक्टूबर तक स्वेच्छा से गिव अप नहीं करने वाले अपात्रों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी:
सत्यापन: विभाग द्वारा डोर-टू-डोर पात्रता सत्यापन और नए जुड़े लाभार्थियों की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।
विधिक कार्रवाई: दुकानवार अपात्रों की सूची सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा की जाएगी, उन्हें नोटिस दिए जाएंगे और गेहूं वसूली की विधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
वसूली दर: 1 नवंबर से अपात्र लाभार्थियों से ₹30.57 प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं की वसूली की जाएगी।
अपात्रता के मानक और प्रक्रिया में सरलता
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, निम्न श्रेणियों के परिवार खाद्य सुरक्षा हेतु अपात्र होंगे:
- परिवार का कोई सदस्य सरकारी/अर्द्धसरकारी/स्वायत्तशासी संस्थाओं में नियमित कर्मचारी अधिकारी हो।
- परिवार का कोई सदस्य ₹1 लाख वार्षिक से अधिक पेंशन प्राप्त करता हो या आयकरदाता हो।
- परिवार के किसी एक सदस्य के पास चारपहिया वाहन हो (ट्रेक्टर और एक वाणिज्यिक वाहन को छोड़कर)।
- सभी सदस्यों की कुल वार्षिक आय ₹1 लाख रुपए से अधिक हो।
नाम जोड़ने की प्रक्रिया को अत्यधिक सरल और लाभार्थी फ्रेंडली बनाया गया है। पात्र व्यक्ति अब ई-मित्र के साथ-साथ विभाग के पोर्टल https://food.rajasthan.gov.in/ पर भी घर बैठे आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, जिला कलेक्टर को भी सूची में लाभार्थी को शामिल करने के लिए अधिकृत किया गया है।
