लेखकों को तैयार करने में साहित्यिक संस्थाओं का अहम योगदान – सहारण

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

नोहर के भरत ओला को चुन्नीलाल सोमानी राजस्थानी कथा पुरस्कार से किया सम्मानित

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

चूरू/श्रीडूंगरगढ़ , 26 नवम्बर । चुन्नीलाल सोमानी राजस्थानी कथा पुरस्कार समारोह के अवसर पर राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डाॅ दुलाराम सहारण ने कहा कि अकादमियां लेखकों को सम्मान तो दे सकती हैं, किंतु लेखकों को तैयार करने में अपना कोई अधिक योगदान नहीं दे सकती। यह काम साहित्यिक संस्थाएं अधिक गंभीरता से कर सकती हैं। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि राजस्थानी भाषा मान्यता प्रयास के ये आखिरी वर्ष हैं। यह आखिरी पीढ़ी चल रही है, जिसके मन में मातृभाषा का दर्द है। अगली पीढ़ी तो भाषा को भूल चुकी होगी। जन आंदोलन को अब सरकारें तवज्जो नहीं देती। राजस्थानी की मान्यता के लिए तो अब नई रणनीति अपनाने की जरूरत है।

pop ronak
kaosa

चतुर्थ चुन्नीलाल सोमानी राजस्थानी कथा पुरस्कार डाॅ भरत ओळा के उपन्यास “नाॅट रिचेबल” पर प्रदान किया गया। उन्हें पुरस्कार स्वरूप इकतीस हजार रुपये की राशि, शाॅल, श्रीफल भेंट किए गए। पुरस्कार समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कवि कथाकार मालचंद तिवाड़ी ने कहा कि लेखक सहस्र आंखों वाला होना चाहिए। उसका रचा इतना विश्वसनीय हो कि हर पाठक को वह अपना सा लगे और सत्य प्रतीत हो। भरत ओळा की खासियत है कि उनकी हर कृति बेहद पठनीय होती है।
समारोह के प्रारंभ में पुरस्कार प्रायोजक उद्योगपति लक्ष्मी नारायण सोमानी ने कहा कि भाषा से संस्कृति जुड़ी हुई है, भाषा को नहीं रखोगे तो हजारों वर्षों से संरक्षित हमारी सांस्कृतिक धरोहर चली जाएगी। भाषा हमारे आनंदमय जीवन की धुरी है।

अध्यक्षीय वक्तव्य के द्वारा राजस्थानी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष श्याम महर्षि ने कहा कि राजस्थानी भाषा की मान्यता का प्रश्न हमारी केन्द्र और राज्य सरकार की इच्छा शक्ति पर टिका हुआ है। सरकारें चाहे तो यह चुटकियों का खेल है। उन्होंने इस बात पर अधिक जोर दिया कि राजस्थानी हमारे घरों से न जाए।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता डाॅ भरत ओळा ने कहा कि राजस्थानी लेखक दो तीन मोर्चों पर अपनी लड़ाई लड़ता है। एक ओर वह भाषा के लिए आंदोलन करता है दूसरी ओर उसके सामने बड़ी चुनौती अपने लिखे को पाठकों तक पहुंचाने की है। राजस्थानी भाषा के कार्यों को राजस्थानी उद्योगपति अपना अर्थ सहयोग देकर सुगम बना सकते हैं।
पुरस्कार समारोह में डाॅ चेतन स्वामी, शंकरसिंह राजपुरोहित,पर्यावरणविद् ताराचंद इन्दौरिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन डाॅ चेतन स्वामी ने किया।

mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *