भारतीय सेना की दक्षिणी कमान द्वारा रेगिस्तानी क्षेत्र में ‘अखंड प्रहार अभ्यास’ का सफल आयोजन


- युद्ध तत्परता और स्वदेशी तकनीक का प्रदर्शन
जयपुर, 13 नवंबर 2025। भारतीय सेना की दक्षिणी कमान ने ट्राई सर्विसेज़ एक्सर्साइज़ त्रिशूल के अंतर्गत, रेगिस्तानी क्षेत्र में “अखंड प्रहार एक्सर्साइज़” का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस अभ्यास का उद्देश्य कोणार्क कोर की पूर्ण-स्पेक्ट्रम युद्ध तत्परता को प्रमाणित करना था।
युद्धक तैयारियों की समीक्षा और समन्वय
लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, पीवीएसएम, एवीएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिणी कमान ने अभ्यास के दौरान कोणार्क कोर की युद्धक तैयारियों की गहन समीक्षा की। इस अभ्यास ने मशीनीकृत और पैदल सेना युद्धाभ्यासों से लेकर सभी आर्म्स और सर्विसेज़ के एकीकृत उपयोग को सफलतापूर्वक प्रमाणित किया। इसमें रुद्र ब्रिगेड द्वारा ज़मीनी अभियानों, विशेष हेलीबोर्न अभियानों और आर्मी एविएशन द्वारा समन्वित हमलावर हेलीकॉप्टर मिशन शामिल थे। अभ्यास के दौरान भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना के बीच सहज तालमेल देखा गया, जिसमें पैदल सेनाओं के फाइटर ग्राउंड अटैक मिशन भी शामिल थे।


स्वदेशी तकनीक और आत्मनिर्भरता
यह अभ्यास भविष्य की युद्ध आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अगली पीढ़ी की स्वदेशी तकनीकों के वास्तविक युद्धक परिस्थितियों में मूल्यांकन का एक महत्वपूर्ण मंच भी रहा। स्वदेशी ड्रोन, मानवरहित प्रणालियाँ, ड्रोन-रोधी प्रणालियाँ और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध ग्रिड का उपयोग भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित करता है।


यह प्रदर्शन रक्षा में आत्मनिर्भरता के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप था।
आर्मी कमांडर ने सभी भाग लेने वाली फॉर्मेशन और यूनिटों की व्यावसायिकता, नवाचार और संयुक्त परिचालन उत्कृष्टता के लिए सराहना की। इस अभ्यास ने कोणार्क कोर के एक आधुनिक, चुस्त और नेटवर्कयुक्त बल में परिवर्तन की पुष्टि की, जो भविष्य के बहु-क्षेत्रीय और उच्च-गति वाले अभियानों के लिए तैयार है।








