जैन राजनैतिक चेतना मंच का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को पत्र- “प्रदेश कार्यकारिणी में जैन समाज की उपेक्षा पीड़ादायक”


बीकानेर, 1 दिसंबर । राजस्थान भाजपा की बहु-प्रतीक्षित प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा के बाद, जैन समाज के प्रतिनिधित्व को लेकर सवाल उठने लगे हैं। जैन राजनैतिक चेतना मंच के बिकनेर जिलाध्यक्ष संतोष कुमार बांठिया ने राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर नई कार्यकारिणी में जैन समाज को कोई दायित्व न सौंपे जाने पर गहरी आपत्ति और पीड़ा व्यक्त की है।
कार्यकारिणी में ‘शून्य’ प्रतिनिधित्व पर असंतोष
पत्र में बांठिया ने स्पष्ट किया है कि जैन समाज सदैव से भाजपा का समर्थक रहा है और राष्ट्र के उत्थान में उसका विशिष्ट योगदान रहा है। उन्होंने लिखा कि “जैन समाज वास्तविक अल्पसंख्यक होते हुए भी वास्तविक दान और सबसे बड़े करदाता वर्ग में आता है। जैन समाज ने भाजपा को आगे बढ़ने में पूरा सहयोग किया है, फिर भी राजस्थान राज्य में प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा हुई जिसमें किसी भी पद पर जैन समाज को दायित्व नहीं सौंपा गया है। यह संपूर्ण समाज के लिए पीड़ादायक है।”



योगदान और योग्यता का उल्लेख
बांठिया ने अपने पत्र में जैन समाज के राष्ट्रहित में किए गए योगदानों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जैन समाज से कई भामाशाहों और शहीदों ने राष्ट्रहित में तन, मन, धन से सहयोग किया है। उन्होंने ऐतिहासिक आँकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि सन 1952 में 54 सांसद जैन समाज से थे, जो समाज की योग्यता को सिद्ध करता है। पत्र में आगे कहा गया: “जैन समाज हर दृष्टि से योग्य और सक्षम है फिर भी इस तरीके से उसकी उपेक्षा बिलकुल उचित नहीं है।”
समान अधिकार प्रदान करने की मांग
जैन राजनैतिक चेतना मंच ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मांग रखी है कि पार्टी और राष्ट्र सेवा के कार्यों में जैन समाज को समान अधिकार दिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि जैन समाज की उपेक्षा करना राष्ट्रहित में उचित नहीं है। पत्र के माध्यम से यह मांग की गई है कि प्रदेश स्तर और राष्ट्रीय स्तर दोनों में जैन समाज को समान अधिकार प्रदान किया जाए।











