जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ ने संवत्सरी पर्व मनाया, क्षमापना के साथ हुआ पर्युषण का समापन



बीकानेर, 28 अगस्त। जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक पार्श्वचन्द्र गच्छ संघ ने गुरुवार को पर्युषण पर्व का समापन संवत्सरी पर्व के रूप में मनाया। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान और क्षमापना की भावना से पूरा वातावरण श्रद्धा से भर उठा।
बारासा सूत्र का वांचन और पौषध
आसानियों के चौक स्थित रामपुरिया उपासरे में साध्वी श्री पद्म प्रभा के सान्निध्य में वयोवृद्ध साध्वी सुव्रताश्रीजी ने कल्पसूत्र के मूलपाठ बारासा सूत्र का वांचन किया। बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने पौषध (मुनि के समान साधना) रखकर सामूहिक प्रतिक्रमण किया। इसके बाद सभी ने जाने-अनजाने में वर्ष भर में हुई भूलों के लिए एक-दूसरे से क्षमापना की।




पार्श्वनाथ बगीची में आज पूजा
संघ के अध्यक्ष रविंद्र रामपुरिया और मंत्री प्रताप रामपुरिया ने बताया कि शुक्रवार को गंगाशहर मार्ग पर स्थित पार्श्वनाथ बगीची में दोपहर ढाई बजे भक्ति संगीत के साथ विशेष पूजा का आयोजन किया जाएगा।


धर्म और संस्कृति का संगम
पर्युषण के समापन पर रामपुरिया मोहल्ले के महावीर स्वामी मंदिर, बैदों के महावीरजी मंदिर, चिंतामणिजी मंदिर और आदिश्वरजी मंदिर में शोभायात्रा के साथ दर्शन वंदन किया गया। रामपुरिया उपासरे में वापसी पर साध्वी सुव्रता श्रीजी ने मंगल पाठ सुनाया और प्राकृत भाषा में भगवान आदिनाथ, नेमीनाथ, पार्श्वनाथ, और महावीर स्वामी के जीवन संदेशों का वर्णन किया। इस अवसर पर धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया।
भक्तों का समर्पण
पर्युषण पर्व के दौरान आसानियों के चौक के महावीर स्वामी मंदिर में आठ दिनों तक विशेष अंगी रचना की गई, जिसमें राहुल राखेचा, सौरभ राखेचा, और अन्य युवाओं व बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। नौ दिन की तपस्या करने वाले वरिष्ठ श्रावक गुलाब बांठिया का भी अभिनंदन किया गया। इस दौरान, चैत्य परिपाटी का लाभ मुलतान चंद व माणक चंद दुग्गड़ ने लिया। वहीं, बारासा सूत्र के समापन पर वरिष्ठ श्रावक निर्मल दफ्तरी ने स्वर्ण सिक्का भेंट किया।