पर्यूषण पर्व पर आज देश भर में ‘जप दिवस’ मनाया गया

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बेंगलुरु /चेन्नई, 25 अगस्त. पर्युषण पर्व का छठा दिन देश भर में ‘जप दिवस’ के रूप में मनाया गया। इस दौरान साध्वियों ने जप के आध्यात्मिक महत्व और उसके लाभों पर प्रवचन दिए।
बेंगलुरु में ‘जप दिवस’
बेंगलुरु में साध्वी पुण्ययशाजी ने अपने प्रवचन में कहा कि मंत्र साधना हमारी आंतरिक शक्तियों को जगाती है। उन्होंने बताया कि मंत्रों का उपयोग मन को एकाग्र करने के लिए होता है और जब मंत्र शब्दों के साथ जुड़ते हैं तो उनकी शक्ति बढ़ जाती है। उन्होंने कुछ मंत्रों का उदाहरण देते हुए कहा कि इनके सही उच्चारण से शारीरिक और मानसिक समस्याओं का समाधान मिल सकता है। खं (kham) मंत्र आकाश तत्व को बढ़ाता है, जिससे द्वेष के भाव नष्ट होते हैं। बं (bam) मंत्र मधुमेह, जोड़ों के दर्द और गैस जैसी समस्याओं में राहत दे सकता है। साध्वी बोधिप्रभा जी ने मंत्रों के प्रयोग में श्रद्धा और शुद्धि के महत्व पर जोर दिया।

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चेन्नई में ‘जप दिवस’
चेन्नई में साध्वी उदितयशा जी ने जप का अर्थ समझाते हुए कहा कि “ज से जन्म-मरण का चक्र सीमित होता है, और प से पापों का नाश होता है।” उन्होंने दो प्रकार के जप का उल्लेख किया: वाणी से किया जाने वाला जप और अजपा जप, जो बिना बोले आत्मा में गूंजता है। उन्होंने नमस्कार महामंत्र को सबसे बड़ा मंत्र बताया, जिसकी साधना से आत्म-शुद्धि होती है। साध्वी संगीतप्रभा जी ने कहा कि पर्युषण पर्व आत्मचिंतन का समय है और जीवन में दुविधा आने पर ‘यह भी बीत जाएगा’ का स्मरण करना चाहिए। साध्वी भव्ययशा जी और शिक्षाप्रभा जी ने भी भगवान अरिष्टनेमि और नवकार मंत्र पर अपने विचार रखे। दोनों ही शहरों में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने इन आयोजनों में भाग लिया।

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