चेतनाकेंद्र के जागरण का प्रयोग प्रेक्षाध्यान – साध्वी श्री पुण्ययशाजी


ईगलटन, 21 नवंबर । युगप्रधान शांतिदूत महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी श्री पुण्ययशाजी (ठाणा-4) के सान्निध्य में आज प्रातः 7 बजे ईगलटन के मेमोरियल पार्क पिरामिड में प्रेक्षाध्यान का विशेष प्रयोग करवाया गया। इस ध्यान कक्षा में साध्वी श्री विनितयशाजी और साध्वी श्री बोधिप्रभाजी भी उपस्थित रहीं।
आन्तरिक रसायनों में परिवर्तन
साध्वी श्री पुण्ययशाजी ने ध्यान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ध्यान के माध्यम से मन के इमोशन (भावनाओं) पर नियंत्रण होता है और विसर्जन (तनाव मुक्ति) होता है। उन्होंने बताया कि प्रेक्षा ध्यान के प्रयोग से शरीर के चेतना केन्द्रों (चक्रों) का जागरण होता है, जिसके परिणामस्वरूप आन्तरिक रसायनों में सकारात्मक परिवर्तन होता है। यह परिवर्तन शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य की प्राप्ति में सहायक होता है। उन्होंने सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रतिदिन दीर्घश्वास प्रेक्षा व समवर्ती श्वास प्रेक्षा करने की प्रेरणा दी।



श्रद्धालुओं ने साझा किए अनुभव
राजराजेश्वरी नगर के अध्यक्ष राकेश छाजेड़ ने अपने अनुभव साझा करते हुए ध्यान को जीवन में अनिवार्य रूप से अपनाने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर राजराजेश्वरी नगर के सभाध्यक्ष राकेश छाजेड़, मंत्री गुलाब बाँठिया, मनोहरलाल चावत तथा ईगलटन व बिड़दी से पदमचन्द खटेड़, सुनील नाहटा, कुशाल देवड़ा, अजय छाजेड़, मुकेश देवड़ा, सुरेशजी देवड़ा, रमेश देवड़ा, श्रीमती सुशीला देवड़ा, श्रीमती मीठु खटेड़, श्रीमती रींकु छाजेड़, श्रीमती त्रिशला छाजेड़, श्रीमती शिल्पा खटेड़ आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन मंगलपाठ श्रवण के साथ हुआ।











