स्वच्छता में दूसरे नंबर पर, पर सड़कों पर गड्ढे’: बीकानेर की बदहाल सड़कों पर पीएम को भेजा पत्र

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

बीकानेर, 24 अगस्त। बीकानेर शहर की खराब सड़कों को लेकर स्थानीय अधिवक्ता विजय दीक्षित ने भारत के प्रधानमंत्री को एक आवेदन भेजा है। इस पत्र में उन्होंने शहर की प्रमुख सड़कों की खस्ताहाल स्थिति पर चिंता जताई है, जो गड्ढों और धूल से भरी हैं। दीक्षित का कहना है कि ये सड़कें न केवल आवागमन में बाधा डालती हैं, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा हैं।
क्या कहा गया है पत्र में?
अधिवक्ता विजय दीक्षित ने प्रधानमंत्री से बीकानेर शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के पुनर्निर्माण और उचित रखरखाव के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भले ही बीकानेर को स्वच्छता सर्वेक्षण में दूसरा स्थान मिला हो, लेकिन शहर की सड़कों की वास्तविक स्थिति एक अलग और चिंताजनक तस्वीर पेश करती है।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

बीकानेर में खस्ताहाल सड़कें, जिम्मेदार विभागों का पता नहीं

pop ronak
kaosa

बीकानेर शहर की अधिकांश सड़कों की हालत बेहद खराब है, जिससे आम जनता परेशान है। सड़कों में गहरे गड्ढे हैं और बारिश के पानी से ये और भी खतरनाक हो गए हैं, जिससे आए दिन हादसों का खतरा बना रहता है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि आम नागरिक को पता ही नहीं है कि किस सड़क की जिम्मेदारी किस सरकारी विभाग की है।
शिकायतों पर टालमटोल
शहर में सड़कों के निर्माण, मरम्मत और रखरखाव की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी, बीकानेर डेवलपमेंट अथॉरिटी (BDA) और नगर निगम की है, लेकिन ये विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आ रहे हैं। जब नागरिक शिकायत लेकर जाते हैं, तो अधिकारी अक्सर यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि यह सड़क उनके विभाग की नहीं, बल्कि किसी और की है। प्रशासन ने आज तक कभी भी यह सार्वजनिक नहीं किया कि कौन सी सड़क किस विभाग के अंतर्गत आती है।

टूटी सड़कों का हाल
शहर की ज्यादातर सड़कें पीडब्ल्यूडी के अधीन मानी जाती हैं, क्योंकि उन्हें ही सबसे ज्यादा बजट मिलता है। जबकि कॉलोनियों की सड़कें बीडीए और मोहल्लों की सड़कें नगर निगम की मानी जाती हैं।
हाल ही में कुछ जगहों पर गड्ढों को मिट्टी से भरने की कोशिश की गई थी, लेकिन बारिश में वह मिट्टी बह गई और हालात जस के तस बने रहे।
पीडब्ल्यूडी के एक रिटायर्ड एक्सईएन ने बताया कि शहर की अधिकांश सड़कें अभी भी गारंटी पीरियड (DLP) में हैं। इसका मतलब है कि संबंधित ठेकेदार की जिम्मेदारी है कि वे उनकी मरम्मत करें, लेकिन ठेकेदार भी अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं।
फिलहाल, अधिकारी मानसून का बहाना बनाकर अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं, जबकि टूटी सड़कों पर वाहन चालकों की परेशानी बढ़ती जा रही है। दीक्षित ने अपने इस प्रयास के माध्यम से बीकानेर के नागरिकों की आवाज़ को संबंधित अधिकारियों तक पहुँचाने की कोशिश की है, ताकि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जा सके।

mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *