बीकानेर में शाकद्वीपीय समाज ने दो वरिष्ठ समाजसेवी को “श्री कर्मयोगी सम्मान” दिया


बीकानेर, 13 जुलाई। बीकानेर शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण समाज ने अपने दो वरिष्ठ समाजसेवी, 87 वर्षीय श्री जेठमल शर्मा उर्फ बाबूलाल जी और 82 वर्षीय श्री बजरंगलाल जी उर्फ मास्टर जी को उनके द्वारा इस उम्र में भी समाज सेवा के अग्रणी कार्यों के लिए “श्री कर्मयोगी सम्मान” से सम्मानित किया।
सम्मान समारोह का आयोजन
कल्याण फाउंडेशन ऑफ इंडिया, शाकद्वीपीय ब्राह्मण बंधु चैरिटेबल ट्रस्ट, और भाई बंधु चैरिटेबल ट्रस्ट (के.एस.बी.) ग्रुप द्वारा यह सम्मान समारोह श्यामोजी वंशज सार्वजनिक प्रन्यास सभागार में आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ समाजसेवी दुर्गादत्त भोजक ने कहा कि विरले पुरुष ही इतिहास रचते हैं और जेठमल शर्मा व बजरंगलाल शर्मा ने जिस तरह इस उम्र में भी युवा जोश की तरह सामाजिक विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं, वह इस बात का प्रमाण है कि चाहने पर उम्र आड़े नहीं आती, बस खुद का आत्मविश्वास मजबूत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन दोनों ने अपने जीवन को समाज के सामने एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है, जो अपने आप में काबिले तारीफ है। विशिष्ट अतिथि और शाकद्वीपीय समाज के लाडले नगर निगम पार्षद दुलीचंद शर्मा ने कहा कि इतनी बड़ी उम्र में भी इन दोनों ने जो सामाजिक सरोकार निभाए हैं, वे युवाओं के लिए अनुकरणीय हैं। उन्होंने कहा कि यदि वरिष्ठ सही राह दिखाएं तो युवा उसका अनुसरण करता है और वह समाज कभी पीछे नहीं रहता।




युवा साथी राजेश शर्मा ने कहा कि सर्दी, गर्मी, आंधी, तूफान और बाधाओं को चीरते हुए इन दोनों ने लगातार अथक प्रयास से समाज के लिए खुद को समर्पित करने का जो हौसला रखा है, उसका अंश मात्र भी युवा अनुसरण करे तो समाज की दिशा और दशा दोनों को सशक्त कर सकता है। स्वागत उद्बोधन देते हुए शाकद्वीपीय ब्राह्मण बंधु चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष आर.के. शर्मा ने कहा कि बाबूलाल जी और मास्टर जी का जीवन समाज के लिए कार्य करने वाले लोगों के लिए एक नजीर है। उन्होंने कहा कि इनका नशा अपने कुटुंब, परिवार और शहर को बुलंदियों पर ले जाने का है, और यह नशा समाज को आज बेहतरीन तोहफे देकर जा रहा है, जो कि अति सम्मानित कार्य है।


प्रेरणादायी वक्तव्य और कविता
आभार ज्ञापित करते हुए कल्याण फाउंडेशन ऑफ इंडिया की निदेशक कामिनी विमल भोजक मैया ने कहा कि इन दोनों का सम्मान हमारी नौजवान पीढ़ी को यह समझाएगा कि सही राह और सच्चे मन से किया गया कार्य आपको एक पहचान दिलाता है। उन्होंने इस अवसर पर एक कविता भी सुनाई: “सेहरा से यूंही का निकलते रहे आपका वजूद बुलंद इरादों सा कायम है, बना रहे आपका हाथ हमारे दरमियानो सरो पर आपके अक्स से हमारा अक्स कायम है।” अभिनंदन पत्र का वाचन वरिष्ठ शिक्षक पूनमचंद शर्मा ने किया, जबकि कार्यक्रम का सफल संचालन नितिन वत्सस ने किया। शाकद्वीपीय ब्राह्मण संघ के अध्यक्ष दयाशंकर शर्मा उर्फ लड्डू ने दोनों महान विभूतियों के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।
सम्मानित व्यक्तियों के उद्गार
जेठमल शर्मा उर्फ बाबूलाल और बजरंग लाल सेवग उर्फ मास्टर जी को शॉल, साफा, माला और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। बाबूलाल शर्मा ने ‘श्री कर्मयोगी सम्मान’ से सम्मानित होकर कहा कि जब समाज आपके साथ हो और आपका उद्देश्य सही हो तो सहयोग की कमी नहीं आती। उन्होंने कहा कि पिछले पंद्रह वर्षों में उन्हें इसका बहुत अनुभव हुआ है। समाज ने जो सम्मान दिया है, वह उनके लिए बूस्टर का काम करेगा और अब वे और अधिक ताकत से कार्य करेंगे।
बजरंगलाल शर्मा (मास्टर जी) ने कहा कि आपका साथ हर वह व्यक्ति देने के लिए तैयार होता है, जिसको आपकी स्पष्ट नीति और साफ-सुथरी कार्यशैली समझ आ जाए। उन्होंने कहा कि समाज के लिए कार्य करना अपने दायित्व को पूरा करना है और उन्हें आज बहुत गौरवान्विति हो रही है कि समाज ने उनके कार्यों को सराहा और इतना मान-सम्मान दिया। उन्होंने वादा किया कि जब तक उनके हाथ-पांव चलते रहेंगे, वे समाज के लिए कार्य करते रहेंगे।
इस अवसर पर समाज के सत्य देव शर्मा, शिक्षाविद जेठमल शर्मा, विजयशंकर शर्मा, श्रीराम जी, अशोक कुमार शर्मा, प्रांतीय ब्राह्मण महासभा के मनसा महाराज, ऋषिराज शर्मा, महेंद्र शर्मा, प्यारेलाल भोजक, मनोज कुमार शर्मा कोच साब, रीखबदास शर्मा, विनोद भोजक, युवा साथी हरीश भोजक, विश्वनाथ शर्मा, विनोद कुमार शर्मा उर्फ मुनासा, अनिल भोजक, ओमप्रकाश आदि गणेश, सुरेन्द्र शर्मा, गणेश भोजक, ओम जी बांठिया चौक, खुश भोजक सहित समाज के अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे।