शासनश्री’ साध्वी बिदामाजी गंगाशहर में स्मृति सभा आयोजित


- आयु और दीक्षा पर्याय में विश्व की प्रथम साध्वी
गंगाशहर, 29 जुलाई। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, गंगाशहर द्वारा आज उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमलकुमार जी के पावन सान्निध्य में ‘सुदीर्घजीवी शासनश्री’ साध्वीश्री बिदामाजी की स्मृति सभा का आयोजन किया गया। साध्वी बिदामाजी का हाल ही में तिविहार संथारे पूर्वक देवलोक गमन हुआ है।
मुनिश्री कमलकुमार जी ने किया साध्वी बिदामाजी को स्मरण
मुनिश्री कमलकुमार जी ने अपने विचार प्रकट करते हुए फरमाया कि साध्वी श्री बिदामाजी केवल तेरापंथ धर्मसंघ में ही नहीं, बल्कि पूरे जैन समाज में आयु और दीक्षा पर्याय (दीक्षा की अवधि) में प्रथम साध्वी कही जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि इस वृद्धावस्था में भी उनका स्वाध्याय, तप और जप का क्रम व्यवस्थित रूप से चल रहा था। मुनिश्री ने अपने प्रथम बार कालू जाने का स्मरण करते हुए उनकी सरलता, सहजता, विनम्रता, गण निष्ठा, गुरु निष्ठा और आचार निष्ठा देखकर अत्यधिक प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इतनी लंबी आयु तक विराजकर सबको सेवा करवाना और प्रतिबोध देना मन को प्रफुल्लित कर गया।




कर्मजा शक्ति और अनुपम सहयोग
गणाधिपति गुरुदेव तुलसी के मुख कमल से दीक्षित और आचार्य श्री महाश्रमण से अलंकृत ‘शासनश्री’ व ‘सुदीर्घजीवी’ साध्वी बिदामाजी ने अपनी कर्मजा शक्ति से स्वयं के कल्याण के साथ-साथ धर्मसंघ की लंबे समय तक सेवा की। मुनिश्री ने साध्वी श्री उज्ज्वलरेखा जी और अन्य सेवाभावी साध्वियों द्वारा अंत समय तक मिले अनुपम सहयोग को भी सराहा, जिसका सुपरिणाम रहा कि उन्होंने संथारे पूर्वक अंतिम विदाई ली।


श्रद्धा सुमन अर्पित और तपस्या का क्रम जारी
साध्वीश्री की स्मृति में मुनिश्री कमलकुमार जी स्वामी और मुनिश्री श्रेयांस कुमार जी ने दोहों के माध्यम से श्रद्धासुमन अर्पित किए। पूरी परिषद में चार लोगस्स का ध्यान करवाकर साध्वीश्री के उत्तरोत्तर आध्यात्मिक विकास की मंगलकामना की गई।
वर्तमान में, मुनिश्री के सान्निध्य में कई श्रावक-श्राविकाएं तपस्या के क्रम में संलग्न हैं: श्रीमती संपतदेवी भंसाली – 29 दिन, पवन छाजेड़ – 19 दिन, तारादेवी बैद – 16 दिन,
नीलमदेवी बोथरा – 16 दिन, चांदनी रांका – 11 दिन,कनक कुमार गंग – 9 दिन, मयंक कुमार सिंगी – 7 दिन, प्रियंका भंसाली – 7 दिन,उषा बांठिया – 10 दिन इन सभी ने अपनी-अपनी तपस्या का प्रत्याख्यान किया है।