स्वामी सत्यानंद सरस्वती (फागी बाई) का 39वां निर्वाण दिवस श्रद्धा से मनाया गया



बीकानेर, 12 अक्टूबर । गुरुदेव स्वामी सत्यानंद सरस्वती जी महाराज (फागी बाई) का 39वां निर्वाण दिवस रविवार को भैंरू कुटिया में पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तजन सुबह से ही भैंरू कुटिया में एकत्र हुए और गुरुदेव की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।




विधिवत पूजन और समाधि पर श्रद्धासुमन
समाजसेवी बृजगोपाल जोशी ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ पंडित बटुक महाराज के सान्निध्य में हुआ। सबसे पहले, विधिवत रूद्राभिषेक और पादुका पूजन संपन्न किया गया। इसके बाद, भक्तों ने महाराज की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए और उन्हें नमन किया। जोशी ने बताया कि गुरुदेव स्वामी सत्यानंद सरस्वती जी ने अपना संपूर्ण जीवन सेवा, साधना और समाज कल्याण के लिए समर्पित किया था। समाज में नैतिक मूल्यों, प्रेम, करुणा और सदाचार की भावना जाग्रत करने में उनका योगदान अविस्मरणीय रहा है।



गुरुदेव का जीवन आदर्श
मेघातिथि जोशी ने गुरुदेव को याद करते हुए कहा, “गुरुदेव के उपदेश और जीवन आदर्श आज भी हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। वे हमें जीवन में सत्य, सेवा और संयम को अपनाने की प्रेरणा देते हैं। उनके द्वारा दिखाया गया मार्ग आज भी समाज को एकता, नैतिकता और मानवता के पथ पर अग्रसर करता है।” शशिशेखर जोशी ने कहा कि स्वामी जी की शिक्षाएं केवल आध्यात्मिक जीवन तक सीमित नहीं थीं, बल्कि उन्होंने समाज के हर वर्ग तक धर्म के सच्चे अर्थ को पहुँचाने का कार्य किया।
इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार-कथाकार राजेन्द्र जोशी, गौरीशंकर आचार्य, उमाशंकर आचार्य, ध्रुवशेखर, मोहिनी देवी, राजस्थली, सुनीता और सप्त ऋषि मंडल के सदस्यगणों ने गुरुदेव की स्मृतियों को नमन किया और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
