आचार्य भिक्षु त्रिशताब्दी वर्ष पर ‘तेरापंथ मेरापंथ’ कार्यशाला का तुलसी साधना केंद्र में आयोजन


बीकानेर , 29 दिसम्बर। आचार्य श्री भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष (भिक्षु चेतना वर्ष) के पावन और ऐतिहासिक उपलक्ष्य में रामपुरिया मोहल्ला स्थित तुलसी साधना केंद्र में ‘तेरापंथ मेरापंथ’ कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य तेरापंथ धर्म संघ के मूल सिद्धांतों, इतिहास और दार्शनिक बारीकियों से श्रावक-श्राविकाओं को अवगत कराना था। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में धर्मावलंबियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।


साध्वीवृन्द का पाथेय और मंगलाचरण कार्यशाला का शुभारंभ शासनश्री साध्वीश्री मंजूप्रभाजी एवं शासनश्री साध्वीश्री कुंथुश्री महाराज के मंगल उद्बोधन से हुआ। साध्वीवृन्द ने तेरापंथ धर्म संघ के उद्भव और विकास की गौरवगाथा पर प्रकाश डाला। इससे पूर्व, तेरापंथ महिला मंडल और कन्या मंडल की सदस्यों ने सामूहिक मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम का आगाज किया। साध्वीवृन्द द्वारा प्रस्तुत गीतिका ने संपूर्ण वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।


जटिल सिद्धांतों का सरल उदाहरणों से समाधान कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक और ‘उपासक युवक रत्न’ राजेंद्र सेठिया ने करीब सात घंटे तक चले विभिन्न सत्रों में तेरापंथ के मौलिक सिद्धांतों की गहन व्याख्या की। सेठिया ने साध्य और साधन की शुद्धि, लौकिक एवं लोकोत्तर दान, दया, हिंसा-अहिंसा और प्रतिमा पूजा जैसे विषयों को अत्यंत सरल और व्यावहारिक उदाहरणों के साथ समझाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि तेरापंथ दर्शन न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग है, बल्कि जीवन को अनुशासित और विवेकपूर्ण बनाने का भी विज्ञान है।
अतिथियों का सम्मान और आभार तेरापंथी सभा के सचिव सुरेश बैद ने जानकारी दी कि इस अवसर पर सैंथिया से पधारे विशिष्ट उपासकों का अभिनंदन किया गया। वरिष्ठ श्रावक पारस छाजेड़, इंद्रचंद सेठिया, महिला मंडल अध्यक्ष दीपिका बोथरा और मंत्री रेणु बोथरा ने उपासक प्रकाश सुराणा, अनिल बैद और कनकप्रभा का पताका पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में सभा अध्यक्ष सुरपत बोथरा ने सभी आगंतुकों और सहयोगियों का आभार ज्ञापित किया।








