आचार्य भिक्षु के जीवन से जुड़े पांच तीर्थों की यात्रा कर लौटा श्रावक संघ; मुनि कमल कुमार ने दिया मानवीय मूल्यों का संदेश


गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण जी से गंगाशहर पधारने का ‘निवेदन’


बीकानेर (गंगाशहर), 30 दिसम्बर। जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के प्रवर्तक आचार्य भिक्षु के जन्म त्रिशताब्दी महोत्सव के पावन अवसर पर तेरापंथी सभा गंगाशहर के तत्वावधान में आयोजित ‘पंच तीर्थ’ यात्रा संघ मंगलवार को धर्म लाभ लेकर पुनः गंगाशहर पहुँचा। इस यात्रा के दौरान श्रावकों ने आचार्य भिक्षु के जीवन से जुड़े पांचों प्रमुख तीर्थों की वंदना की और वर्तमान अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी के दर्शन कर आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त की।


आचरण से ही होती है मनुष्य की प्रतिष्ठा: मुनि कमल कुमार
तेरापंथ भवन में आयोजित दैनिक प्रवचन सभा में उग्र विहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी स्वामी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि मानव जीवन की दुर्लभता तभी सार्थक है जब उसमें ‘मनुष्यता’ का वास हो। मुनि श्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की प्रतिष्ठा उसके पद से नहीं बल्कि उसके आचरण से होती है। नैतिकता, प्रामाणिकता और सत्यता ही आचरण को पुष्ट करती हैं।
उन्होंने सावधान करते हुए कहा कि अहंकार, छल-कपट, लोभ और भय जैसे परमाणु मानव को सही मार्ग से भटकाते हैं और मानवता को कलुषित करते हैं। आध्यात्मिक उन्नति के लिए निरंतर मानवीय मूल्यों के विकास की दिशा में कार्य करना अनिवार्य है।
सिरियारी से कंटालिया तक: पांच तीर्थों की वंदना
सभा के मंत्री जतनलाल संचेती ने यात्रा का विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि संघ ने सिरियारी, कंटालिया, बगड़ी, केलवा और राजनगर की तीर्थयात्रा पूर्ण की। आचार्य भिक्षु के जन्म स्थान कंटालिया में संघ को विशेष सौभाग्य प्राप्त हुआ, जहाँ उन्होंने आचार्य श्री महाश्रमण जी, साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभा जी और मुख्यमुनि महावीर कुमार जी के दर्शन किए। संघ में सभा के पदाधिकारी , सदस्यगण , महिलाएं व बच्चे शामिल हुए।

गुरुदेव से गंगाशहर पधारने का ‘निवेदन’
इस अवसर पर तेरापंथी महासभा के संरक्षक जैन लूणकरण छाजेड़ ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि संघ रूप में की गई यह यात्रा आचार्य भिक्षु के प्रति सच्ची श्रद्धा का प्रतीक है। विशेष रूप से कंटालिया में आचार्य श्री महाश्रमण जी के सानिध्य का लाभ प्राप्त हुआ तथा तत्वज्ञान प्राप्त करना अविस्मरणीय रहा।
श्री छाजेड़ ने बताया कि उन्होंने बीकानेर और गंगाशहर की समस्त जनता की ओर से आचार्य श्री महाश्रमण जी को गंगाशहर पधारने का भावभीना अनुरोध किया। उन्होंने आचार्यश्री से निवेदन किया कि विराटनगर , बेंगलुरु , भीलवाड़ा , छापर , सूरत व अहमदाबाद में गंगाशहर तेरापंथ समाज श्री चरणों में उपस्थित होकर गंगाशहर पधारने का निवेदन करता आ रहा है। आचार्यप्रवर ने अत्यंत निकट आकर उनकी प्रार्थना को ध्यानपूर्वक सुना और पूरे संघ को मंगलपाठ श्रवण कराया, जिससे श्रावक समाज में भारी उत्साह है।








