बीकानेर में ‘दादा दत्त सूरी’ और ‘सिद्धि तप’ का मंगलवार से आगाज

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बीकानेर, 14 जुलाई। गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिन मणि प्रभ सूरीश्वरजी महाराज के आज्ञानुवर्ती गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर , मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, और बीकानेर की साध्वी दीपमाला श्रीजी व शंखनिधि के सान्निध्य में आज मंगलवार से एक माह का ‘दादा दत्त सूरी’ तप और बुधवार से ‘सिद्धि तप’ शुरू होगा। सोमवार को सात दिनों की तपस्या पूर्ण करने वाली श्रीमती विजयश्री कोचर का अभिनंदन किया गया।

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तपस्वी और आगंतुकों का सम्मान
सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट व अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चातुर्मास में तपस्वी विजयश्री कोचर का अभिनंदन ज्ञान वाटिका की सुनीता नाहटा ने किया। वहीं, बाहर से आए साध्वी श्री दीपमाला के सांसारिक परिवार के सदस्य – रायपुर के राहुल रामपुरिया, कानपुर की केसर देवी कटारिया और पूना की श्रीमती गुंजन कोठारी का अभिनंदन राकेश बांठिया व धीरज गोलछा सहित अन्य सदस्यों ने किया।

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निष्काम प्रभु भक्ति का महत्व
गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा. ने एक कथा के माध्यम से बताया कि निष्काम प्रभु भक्ति करने वाले भक्त का प्रभाव अधिक होता है। उन्होंने कहा कि परमात्मा भक्त की श्रद्धा व गरिमा के विशाल रूप को देखकर उसे सिद्धियों व लब्धियों से भरपूर कर देते हैं। गणिवर्य ने आगे कहा कि श्रेष्ठ गुण, दान व दया वाले धार्मिक श्रावक को देव भी नमस्कार करते हैं। दान, शील, तप, सम्यक दर्शन, ज्ञान व चरित्र की साधना, आराधना व भक्ति करने वाला परमात्म भक्त मोक्ष को प्राप्त करता है।

तपस्या का स्वरूप और व्यवस्था
अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई के अध्यक्ष अनिल सुराणा ने बताया कि ‘दादा दत्त सूरी’ तप में साधक एक दिन उपवास करेंगे और अगले दिन ‘बायासना’ यानि दोनों वक्त भोजन कर सकेंगे। तपस्वियों और बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था महावीर भवन में उदासर के किशन लाल सौभाग्यवती देवी परिवार ने की है।

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