नैतिक मूल्यों और सर्वांगीण विकास पर जोर



मदुरै में ज्ञानशाला दिवस का भव्य आयोजन
मदुरै, 11 अगस्त।आचार्यश्री महाश्रमण के मंगल आशीर्वाद और प्रेरणा से, मदुरै तेरापंथ भवन में मुनि श्री हिमांशु कुमार जी और मुनि श्री हेमंत कुमार जी के पावन सान्निध्य में ज्ञानशाला दिवस का भव्य आयोजन किया गया।
नन्हे बालकों की प्रस्तुति और ज्ञानशाला का उद्देश्य
कार्यक्रम का शुभारंभ नन्हे-मुन्ने बालकों द्वारा नमस्कार महामंत्र की सुंदर मुद्रा के साथ नृत्य प्रस्तुति से हुआ, जिसने सभी का मन मोह लिया।ज्ञानशाला प्रभारी उपासक धनराज लोढ़ा ने सभी का स्वागत-अभिनंदन करते हुए कहा कि ज्ञानशाला में बच्चों को केवल बुनियादी शिक्षा ही नहीं, बल्कि नैतिक मूल्य, अनुशासन और सामाजिक उत्तरदायित्व का भी ज्ञान कराया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि मुनि श्री हिमांशु कुमार जी ज्ञानशाला के सह-पर्यवेक्षक के रूप में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं।




ज्ञानशाला: ज्ञानी, नम्र, शालीन, लायक बनने की राह
बालकों ने 25 बोल पर आधारित आकर्षक लघु नाटिका प्रस्तुत की, जो धार्मिक ज्ञान के प्रति उनकी समझ को दर्शाती थी। वहीं, बड़े बच्चों ने ‘Usage of Mobile’ विषय पर एक प्रभावशाली प्रस्तुति दी, जो आज के समय की प्रासंगिकता को दर्शाती है।
मुनि श्री हेमंत कुमार जी ने प्रेरक उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि बच्चों को ज्ञानशाला भेजना क्यों आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इससे बच्चों का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक विकास होता है।
मुनि श्री हिमांशु कुमार जी ने ज्ञानशाला का गूढ़ अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा: ज्ञा – ज्ञानी बनो, न – नम्र बनो, शा – शालीन बनो, ला – लायक बनो। उन्होंने सभी बालकों को नियमित रूप से ज्ञानशाला आने की प्रेरणा प्रदान की, ताकि वे इन गुणों को आत्मसात कर सकें।


प्रशिक्षिकाओं का सराहनीय योगदान
ज्ञानशाला प्रशिक्षक श्रीमती बबीता लोढ़ा, दीपिका फुलफगर, मधु पारख, संतोष बोकडिया एवं सुनीता कोठारी का कार्यक्रम की सफलता में सराहनीय सहयोग रहा। कुशल संचालन एवं उक्त जानकारी श्रीमती बबीता लोढ़ा ने दी। यह आयोजन बच्चों में संस्कारों और ज्ञान के प्रति रुचि जगाने में सफल रहा।