देश भर में श्रद्धा और आस्था का विकास करने का संदेश

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साध्वी उदितयशा ने दिया श्रद्धा और आस्था का विकास करने का संदेश

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साहूकारपेट, चेन्नई ,2 सितम्बर। आचार्य महाश्रमण की शिष्या साध्वी उदितयशा ठाणा 4 के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, साहूकारपेट, चेन्नई में 32वें विकास महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वी उदितयशा ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ हमेशा विकास के पथ पर आगे बढ़ा है।
आचार्य तुलसी के योगदान का स्मरण
साध्वी उदितयशा ने कहा कि सभी आचार्यों ने धर्म की मौलिकता को बनाए रखते हुए नए आयाम गढ़े। उन्होंने विशेष रूप से नवमाधिशास्ता आचार्य तुलसी का जिक्र किया, जिन्होंने युगानुरूप धर्मसंघ को कई नए आयाम दिए। उन्होंने श्रावक समाज को संगठित करने के लिए कई संस्थाओं की स्थापना की और सामाजिक उत्थान के लिए अणुव्रत आंदोलन और रूढ़ि उन्मूलन जैसे कार्यक्रम शुरू किए। उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी ने अपनी दूरदर्शिता से हर योजना को सफल बनाया।

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माणकचंद रांका ने स्वीकार की पांचवीं प्रतिमा
साध्वी उदितयशा ने गुरुदेव की आज्ञा से सुश्रावक माणकचंद रांका को श्रावक की पांचवीं प्रतिमा ‘कार्योत्सर्ग पणिमा’ का संकल्प दिलवाया। इस मौके पर पूरी धर्मसभा ने ‘ॐ अर्हम’ की ध्वनि से उनका स्वागत किया।

साध्वी शिक्षाप्रभा और साध्वी भव्ययशा ने भी अपने विचार व्यक्त किए, जबकि साध्वी संगीतप्रभा ने सुमधुर गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम का कुशल संचालन किया। सभाध्यक्ष अशोक खतंग ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का समापन संघ गान के साथ हुआ।

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राजराजेश्वरी नगर में विकास महोत्सव का आयोजन
राजराजेश्वरी नगर, 1 सितंबर। परम पूज्य युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी श्री पुण्ययशा के सान्निध्य में आज विकास महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव का उद्देश्य आचार्य तुलसी के योगदान और दूरदर्शिता को याद करना था।

राजराजेश्वरी नगर में विकास महोत्सव का आयोजन

आचार्य तुलसी का अतुलनीय योगदान
अपने मंगल उद्बोधन में साध्वी श्री पुण्ययशा ने कहा कि ज्ञान, दर्शन और चारित्र के बल पर तेरापंथ संघ ने विकास के नए शिखर छुए हैं। उन्होंने विशेष रूप से आचार्य तुलसी के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपने विचार और कार्यों से जो कुछ भी संघ को दिया है, उसे सदियों तक नहीं भुलाया जा सकता। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी वर्धमानयशाजी के मंगलाचरण से हुआ। साध्वी बोधिप्रभा जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

तपस्वियों का अभिनंदन
इस अवसर पर, तपस्वी भाई राजेश जी छाजेड़ की 9 दिन की तपस्या और विपुल पितलिया के कंठी तप का अभिनंदन किया गया। विपुल ने अपनी तपस्या के लिए साध्वीश्री का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में तेरापंथ सभा के अध्यक्ष राकेश छाजेड़, पूर्व अध्यक्ष कमलसिंह दूगड़, तेयुप से महेश मांडोत, और तेममं की पूर्व अध्यक्षा लता बाफना ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन साध्वी विनितयशाजी ने किया।

 

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