गंगाशहर में तप की गंगा में 76 वर्षीय मुनि नमि कुमार की 41 दिवसीय तपस्या ; मुनि कमल कुमार ने किया अभिनंदन

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

बीकानेर (गंगाशहर), 29 दिसंबर। धर्मनगरी गंगाशहर के तेरापंथ भवन में सोमवार को आध्यात्मिक उल्लास का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। उग्र विहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी स्वामी के सानिध्य में तपस्वी संत मुनि श्री नमि कुमार जी की 41 दिवसीय निराहार तप साधना का भव्य अभिनंदन किया गया। 76 वर्ष की आयु में मुनि श्री की इस कठिन तपस्या ने श्रावक समाज को भक्ति और दृढ़ निश्चय के नए संदेश से भर दिया है।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

तपस्या है कर्म निर्जरा का अमोघ अस्त्र
प्रवचन सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री कमल कुमार जी ने कहा कि भगवान महावीर ने स्वयं तप साधना कर जगत के लिए कल्याणकारी मार्ग प्रशस्त किया था। उन्होंने मुनि नमि कुमार के तप की सराहना करते हुए बताया कि मात्र 9 वर्ष पूर्व दीक्षा लेने वाले मुनि श्री ने अल्प समय में ही 1 से 41 तक की लड़ी तथा 51 और 62 दिनों जैसी ऐतिहासिक तपस्याएं की हैं। मुनि श्री ने कहा, “तप और जप जहाँ होता है, वहाँ दैवीय ऊर्जा का संचार होता है। मुनि श्री नमि कुमार इस उम्र में इतनी बड़ी साधना कर अपने कर्मों को हल्का कर रहे हैं।” उन्होंने सभी श्रावकों को ‘अनर्थ हिंसा’ से बचने और शरीर के सक्रिय रहने तक अधिकतम धर्म साधना करने की प्रेरणा दी।

pop ronak

गीतों के माध्यम से हुई तप की अनुमोदना
तप की महिमा का गुणगान करते हुए मुनि श्री कमल कुमार जी ने प्रेरक गीतिका प्रस्तुत की। वहीं, मुनि श्री श्रेयांस कुमार जी ने “तपस्या री आई रे बहार गंगाशहर नगरी में, खुशियां रो आर न पार गंगाणै नगरी में” गीत के माध्यम से वातावरण को भक्तिमय कर दिया। मुनि श्री प्रबोध कुमार, मुनि श्री विमल विहारी और मुनि श्री मुकेश कुमार ने भी अपने भावपूर्ण उद्बोधन से तपस्वी मुनि की अनुमोदना की।

लक्ष्य: संयम पथ पर बढ़ते रहना
तपस्वी मुनि श्री नमि कुमार जी ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए इस सफलता का श्रेय मुनि कमल कुमार जी के मार्गदर्शन और देव-गुरु-धर्म की कृपा को दिया। उन्होंने कहा, “जिस उद्देश्य से मैंने संयम जीवन ग्रहण किया है, उसे पूर्ण करना ही मेरा एकमात्र लक्ष्य है।” उन्होंने आगामी लाडनूं चातुर्मास में भी बड़ी तपस्या करने की मंगल भावना व्यक्त की।

श्रावक समाज ने भी किया तप का वरण
मुनि श्री की तपस्या से प्रेरित होकर गंगाशहर के श्रावक समाज ने भी सामूहिक साधना का अनूठा उदाहरण पेश किया। सामूहिक तप में अनेक श्रावकों ने 5 से 7 दिन के उपवास किए।

सामायिक साधना: अनुमोदना स्वरूप बड़ी संख्या में लोगों ने एक साथ 2, 5 और 7 सामायिक की साधना की। इस अवसर पर सुश्री आंचल बैद ने 25 दिवसीय तपस्या का प्रत्याख्यान (संकल्प) लेकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। कार्यक्रम के दौरान साध्वी श्री विनम्रयशा जी द्वारा भेजे गए मंगल संदेश का वाचन किया गया । आयोजन में तेरापंथी समाज केअनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *