हर विचार— हर संघर्ष में जिंदा हैं भगत सिंह, लालासर गांव में प्रतिमा का अनावरण



चूरू, 28 सितंबर। जिले के लालासर गांव में रविवार को शहीद-ए-आजम भगत सिंह की प्रतिमा का भव्य अनावरण किया गया। इस अवसर पर शहीद भगतसिंह ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भगत सिंह के पौत्र यादवेन्द्र सिंह संधू, जिला उप प्रमुख महेन्द्र न्यौल, डीडीपीआर कुमार अजय, रोनी रमन, और जेकेटी फौजी सहित अनेक गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
भगत सिंह के विचार युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा
शहीद ए आजम भगत सिंह के पौत्र यादवेन्द्र सिंह संधू ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि शहीद भगत सिंह केवल मेरे परिवार का गौरव नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष की आत्मा हैं और वे हर विचार— हर संघर्ष में जिंदा हैं। संधू ने कहा कि उनके आदर्शों से आज की युवा पीढ़ी में जूनून, जज्बा और जोश भारत की आत्मा व गौरव को जिंदा रखता है। उन्होंने गांव के युवाओं द्वारा प्रतिमा स्थापित करने के प्रयास की सराहना करते हुए इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बताया। संधू ने सभी से सामाजिक सौहार्द, भाईचारे और राष्ट्रीय एकता का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने चूरू की धरा को आजादी के आंदोलन की प्रेरक भूमि बताते हुए वीर तेजाजी के त्याग और महाराणा प्रताप के स्वतंत्रता संघर्ष को भी याद किया।




भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने का आह्वान
जिला उप प्रमुख महेन्द्र न्यौल ने कहा कि हमें शहीद भगत सिंह के आदर्शों पर चलकर भगत सिंह के सपनों का भारत बनाना है। उन्होंने जोर दिया कि भगत सिंह के विचार नई पीढ़ी को देशभक्ति और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना से जोड़ते हैं, जिनकी राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका है। युवा लेखक व डीडीपीआर कुमार अजय ने कहा, “शहीद भगत सिंह ने जिस उम्र में अपने प्राण राष्ट्र के लिए न्योछावर कर दिए, उस उम्र में आज के युवा अपने जीवन की दिशा खोज रहे होते हैं।” उन्होंने कहा कि क्रांति केवल हथियारों से नहीं, विचारों से आती है, और युवा पीढ़ी में तार्किक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होना चाहिए ताकि बिना जाति-धर्म के एक बेहतर समाज बन सके।



देशभक्ति गायक रोनी रमन ने संस्कारवान शिक्षा की बात कही और देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी। सामाजिक कार्यकर्ता दलीप सरावग ने भगत सिंह सहित अन्य महान स्वतंत्रता सेनानियों की गांव-गांव में प्रतिमा लगाने का आह्वान किया। सभी वक्ताओं ने एकमत से कहा कि शहीद भगत सिंह केवल एक क्रांतिकारी नहीं, बल्कि विचारों के योद्धा थे, और उनका घोष ‘इंकलाब ज़िंदाबाद’ केवल नारा नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय का घोष था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सरपंच ग्राम पंचायत लालासर गोपाल कस्वां और सह-अध्यक्ष पूर्व सरपंच मूलाराम कस्वां ने आभार व्यक्त करने के साथ किया। इस दौरान सहीराम पूनिया, शिशुपाल बुडानिया, मिस्टर चूरू राकेश बेनीवाल, जसवीर गोदारा सहित गांव के युवा, महिला और ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन बेगराज कस्वां ने किया। इससे पूर्व वीर तेजाजी विकास समिति चूरू के कार्यकर्ताओं ने सर्किट हाउस चूरू के सामने यादवेन्द्र सिंह संधू का माल्यार्पण कर स्वागत किया।

