अनुशासन से व्यक्ति महान बनता है- मुनि कमल कुमार

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025
  • जैन धर्म का आधार इन्द्रियों पर संयम करना

गंगाशहर , 19 जनवरी। आचार्य श्री महाश्रमण जी के अज्ञानवर्ती उग्र विहारी तपो मूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी ने आज शांतिनिकेतन सेवा केंद्र में विशेष प्रवचन के दौरान श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए कहा की जीवन में अनुशासन का बहुत बड़ा महत्व है। अनुशासन से व्यक्ति महान बनता है । एक समय था जब प्रत्येक क्षेत्र में भारत विश्व गुरु का गुरु था इसका मुख्य कारण था भारतीय नागरिकों में अनुशासन मय जीवन शैली का होना था । आज सर्वग्राही अनुशासनहीनता ने देश में अशांति ,अराजकता ,हिंसा त्याग भावना की कमी , आत्म संयम की कमी ,चरित्र बल ,नैतिकता व मानवीय मूल्यों की दिन प्रतिदिन गिरावट आ रही है । निज पर शासन- फिर अनुशासन के मंत्र से हम फिर से संसार में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर सकते हैं ।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

प्रवचन में उपस्थित जनसमुदाय

मुनि श्री श्रेयांश कुमार जी के आज 9 की तपस्या के अवसर पर बोलते हुए मुनिश्री ने कहा कि इस भयंकर सर्दी में तपस्या करना उच्च मनोबल का कार्य है। तपस्या कर्म निर्जरा का मुख्य हेतु है। आत्म शोधन प्रक्रिया में तप के द्वारा परिमार्जन होता है । संचित कर्म परमाणुओं का शोधन तप के द्वारा होता है । तप मुक्ति का पथ है। मुनि श्री के तप की अनुमोदना करते हुए जनता से अधिक से अधिक त्याग तपस्या करने का आह्वान किया।उन्होने तपस्या के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने अपने सामर्थ्य के अनुसार तपस्या अवश्य करनी चाहिए। मुनिश्री कमल कुमार जी के प्रेरणा से प्रतिदिन चार घरों में उपवास व प्रत्येक रविवार को नवकार मन्त्र के जाप का क्रम शुरू किया गया है।

pop ronak
kaosa

उन्होंने अपने जीवन के अनुभव सुनाते हुए कहा कि जैन धर्म का आधार इन्द्रियों पर संयम करना है। सामायिक का अभ्यास मानसिक और शारीरिक शुद्धि के लिए किया जाता है। इसमें इन्द्रियों को नियंत्रित करके आत्मा के स्वरूप का चिंतन किया जाता है। जैन धर्म में तपस्या और त्याग इन्द्रियों पर संयम का माध्यम है। अनशन (उपवास), एकासन, और व्रत के माध्यम से इन्द्रियों की इच्छाओं को दबाया जाता है। सल्लेखना (आध्यात्मिक मृत्यु) जैन धर्म में इन्द्रियों और इच्छाओं पर संयम की चरम अवस्था मानी जाती है। आज प्रवचन में मुनिश्री श्रेयांश कुमार व मुनिश्री मुकेश कुमार भी उपस्थित थे। तेरापंथी सभा गंगाशहर के मंत्री जतनलाल संचेती ने बताया कि प्रातः 8 . 41 से 10 . 30 बजे तक प्रवचन होता है जिसमे भक्ताम्बर , प्रेक्षा ध्यान का विशेष प्रयोग होता है।

mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *