तपस्वी रचना रांका के मासखमण तप पर अभिनंदन समारोह



बीकानेर, 23 अगस्त। गंगाशहर के सूरजमल रांका परिवार की सुश्राविका रचना रांका द्वारा मासखमण तप (पूरे महीने का उपवास) सफलतापूर्वक पूरा करने पर भीनासर के तेरापंथ भवन में अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। यह तप उन्होंने आचार्यश्री महाश्रमणजी के आशीर्वाद और साध्वीश्री जिनबालाजी व साध्वीश्री करुणाप्रभाजी की प्रेरणा से किया था।
तप और त्याग की सराहना
साध्वीश्री जिनबालाजी ने कहा कि रांका परिवार, जिसमें उनका खुद का जन्म हुआ है, हमेशा तप और धर्म के मार्ग पर आगे रहा है। उन्होंने बताया कि इस परिवार में पहली बार किसी ने मासखमण तप किया है, जो एक गौरव की बात है। उन्होंने यह भी बताया कि रचना रांका की सास विमला देवी रांका का पाँचवाँ और सूरजदेवी रांका का नौवाँ वर्षी तप चल रहा है।
साध्वीश्री करुणप्रभाजी ने कहा कि इतने बड़े तप को पूरा करने के लिए देव, गुरु और धर्म की शक्ति के साथ-साथ परिवार का सहयोग और स्वयं का मजबूत मनोबल भी आवश्यक है।




अनुमोदना और सम्मान
तप से तप का अभिनंदन: समाजसेवी हनुमानमल रांका ने बताया कि रचना के तप का अभिनंदन भी तप करके ही किया गया। उनके पति मनीष रांका ने साध्वीश्री को 51 तेले (तीन दिन), 2 चोले (चार दिन), और 2 पंचोले (पांच दिन) तप करने वाले श्रावक-श्राविकाओं की सूची सौंपी।


सम्मान और गीतिकाएं: इस अवसर पर तेरापंथ युवक परिषद, महिला मंडल और कन्या मंडल ने गीतिकाएं प्रस्तुत कर रचना के तप की अनुमोदना की। सभा द्वारा उन्हें स्मृति चिह्न और महिला मंडल द्वारा साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया। इस समारोह में साध्वी प्रमुखाश्रीजी का संदेश भी पढ़ा गया, जिसका वाचन तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष सुमति पुगलिया ने किया। कार्यक्रम का संचालन सभा के मंत्री चैनप्रकाश गौलछा ने किया।