किलपॉक, चेन्नई में ‘मंत्र दीक्षोत्सव’ का भव्य आयोजन


संस्कारों और श्रद्धा का संचार




किलपॉक, चेन्नई, 14 जुलाई । (स्वरूप चन्द दांती ) अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के निर्देशन में तेरापंथ युवक परिषद् चेन्नई द्वारा किलपॉक में ‘मंत्र दीक्षोत्सव’ का भव्य समायोजन मुनि मोहजीतकुमारजी के सान्निध्य में किया गया। इस कार्यक्रम में चेन्नई की अनेक ज्ञानशालाओं के ज्ञानार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। ज्ञानार्थियों को ज्ञानशाला के महत्व को समझाते हुए मुनि मोहजीतकुमारजी ने कहा कि ज्ञानशाला का अभिनव उपक्रम आचार्य तुलसी ने अपनी दूरदृष्टि से किया था, जो आज तक सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि ज्ञानशाला के माध्यम से भावी पीढ़ी में संस्कारों का निर्माण किया जाता है। यह प्रकल्प संस्कारों के जागरण का एक महत्वपूर्ण उपाय है, जिससे बालक-बालिकाएं धर्म के प्रति जागरूक बनते हैं और उनके भीतर सद्भावों व सत्क्रियाओं का विकास होता है।


संकल्प शक्ति और नमस्कार महामंत्र
मुनि जयेशकुमारजी ने अपने युग में चलने वाली ज्ञानशाला के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि प्रत्येक ज्ञानार्थी में देव, गुरु और धर्म के प्रति गहरी श्रद्धा का विकास होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने संकल्प शक्ति के जागरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संकल्प बल से व्यक्ति महान बन सकता है और संकल्प शक्ति के जागरण का आधार नमस्कार महामंत्र है। इसका नित्य प्रति स्मरण भाव शुद्धि, कर्म शुद्धि और आत्म शुद्धि का महान आधार है। मुनि भव्यकुमारजी ने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम में किलपॉक ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों द्वारा एक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई। अभातेयुप में मंत्र दीक्षा सहप्रभारी संतोष सेठिया ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। आभार तेयुप मंत्री मुकेश आच्छा ने प्रकट किया।