कबीर यात्रा: कालासर गाँव में गूँजी ‘कबीर वाणी’, भक्तिरस में डूबे ग्रामीण



बीकानेर, 2 अक्टूबर । राजस्थान कबीर यात्रा के दूसरे दिन गुरुवार को बीकानेर के कालासर गाँव का माहौल पूरी तरह से कबीरमय हो गया। मलंग फोक फाउंडेशन, लोकायन संस्थान, जिला प्रशासन बीकानेर, बीकानेर विकास प्राधिकरण और नगर निगम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस यात्रा में कलाकारों ने कबीर वाणी, सूफी और भक्ति रस की ऐसी जुगलबंदी पेश की, कि ग्रामीण और कबीर प्रेमी श्रोता अभिभूत हो गए।
सूफी और वाणी गायन ने बांधा समां
कलाकारों ने अपनी दमदार प्रस्तुतियों से श्रोताओं को भक्ति की सरिता में डुबो दिया:




मीर रजाक और अब्दुल जब्बार (पूगल): इन्होंने कबीर की वाणी और सूफी अंदाज में “मोको कहां ढ़ूंढ़े रे बंदे, मैं तो तेरे पास में” और “साचा साहेब एक तू” जैसी रचनाओं की दमदार प्रस्तुति देकर महफ़िल में रंग जमा दिया।



महफिल ए समा (केरला): इस ग्रुप ने सूफी कलाम “दमादम मस्त कलंदर” के स्वर छेड़े, तो श्रोता झूमने पर मजबूर हो गए।
वासु दीक्षित (बैंगलुरु): वाणी गायक वासु दीक्षित ने अपने खास अंदाज में “थारा रंग महल में अजब शहर में” और “वारी जाऊं…बलिहारी जाऊं” सुनाकर बाहर से आए मेहमानों के साथ ही ग्रामीणों को भी कबीर की भक्ति सरिता में हिलारे लेने को विवश कर दिया।
विभिन्न शहरों से श्रोताओं की भागीदारी
कबीर यात्रा के निदेशक गोपाल सिंह ने बताया कि इस बार यात्रा में सौ से ज्यादा कलाकार भागीदारी निभा रहे हैं। इसमें देश के साथ ही जापान सहित अन्य देशों के कलाकार भी शामिल हैं। बड़ी संख्या में कबीर की वाणी प्रेमी श्रोता विभिन्न शहरों से यात्रा में शामिल होने के लिए कालासर पहुँचे। कार्यक्रम में कालासर बीडीओ साजिया तब्बसुम, सरपंच राम लक्ष्मण गोदारा, पूर्व सरपंच लक्ष्मण सिंह भाटी सहित अनेक गणमान्य लोग और अधिकारी शामिल रहे।
अगली प्रस्तुति
राजस्थान कबीर यात्रा का अगला आयोजन शुक्रवार, 3 अक्टूबर को छत्तरगढ़ में होगा, जहाँ आमंत्रित कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे।

