वचन और वाणी का हर पल सदुपयोग करें: गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर

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quicjZaps 15 sept 2025

बीकानेर, 26 सितंबर। रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में शुक्रवार को चातुर्मासिक प्रवचन में गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा. ने संसार को पाप और पुण्य का खेल बताते हुए वाणी के सदुपयोग पर विशेष बल दिया।
वाणी के सदुपयोग का महत्व
गणिवर्य श्री ने कहा कि मनुष्य को पुण्य के उदय से ही बोलने की शक्ति यानी जिह्वा प्राप्त हुई है, जिसका हमेशा सदुपयोग करना चाहिए।
पाप का कारण: अगर हम इस जिह्वा से किसी की निंदा या चुगली करते हैं, तो अगले भव (भावांतर) में हमें बोलने की शक्ति ही नहीं मिलेगी।
सदुपयोग के नियम: हमें सदैव सद विचार से, कम, मीठा और धीरे बोलना चाहिए।
पुण्य की वृद्धि: अधिकाधिक परमात्मा की वाणी का श्रवण, चिंतन और मनन करते हुए धर्म कथा करनी चाहिए। इससे हमारे वचन पुण्य का उदय करेंगे।

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निष्कर्ष: हमें अपने वचन और वाणी का हर पल सदुपयोग करना चाहिए और अधिकाधिक मौन रहने का प्रयास करना चाहिए।

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उन्होंने यह भी बताया कि पुण्य के उदय से ही हमें मन (उत्तम मन) मिला है, जिसके सहारे हम परमात्मा के गुणों और वाणी की अनुप्रेक्षा कर सकते हैं। जिन जीवों को मन नहीं मिला, वह उनके पाप का उदय है।

अनुप्रेक्षा का अर्थ और महत्व
श्रावक के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए गणिवर्य श्री ने अनुप्रेक्षा (Anupeksha) का गहन अर्थ समझाया:
अर्थ: अनुप्रेक्षा का अर्थ है किसी बात पर बार-बार गहन चिंतन, मनन करना, यानी किसी विचार या वस्तु को बार-बार ध्यान से देखना और उस पर सोचना।

जैन धर्म में: यह एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें अस्तित्ववादी विषयों पर चिंतन करके वैराग्य और आत्म नियंत्रण को बढ़ावा दिया जाता है।

उद्देश्य: जैन धर्म में बारह अनुप्रेक्षा (भावनाएं) हैं, जिनमें शरीर की अनित्यता और संसार की दुखमय प्रकृति जैसे विषयों पर चिंतन किया जाता है, ताकि व्यक्ति निर्लिप्त होकर समभाव में रह सके।

खीर एकासना का आयोजन
गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा. के सानिध्य में 28 सितंबर (रविवार) को डागा, सेठिया, पारख मोहल्ले के महावीर भवन में सामूहिक खीर एकासना का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में भागीदारी के लिए शुक्रवार को बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने नामांकन कराया। श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद और अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम के लिए शनिवार और रविवार को भी नामांकन जारी रहेगा।

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
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