तपस्या कर्म निर्जरा का महत्वपूर्ण साधन है- मुनि कमल कुमार


गंगाशहर ,24 अक्टूबर। गंगाशहर के गोलछा परिवार में उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमार जी के सान्निध्य में तपस्वी बहिन श्रीमती कनक गोलछा के मासखमण तपस्या की अनुमोदना का कार्यक्रम बड़े ही उल्लासमय वातावरण में आयोजित किया गया। मुनिश्री कमल कुमार जी स्वामी ने कनक गोलछा के निवास स्थान पर जाकर प्रवचन का लाभ प्रदान किया।




तपस्या से आत्म शुद्धि, अगले जीवन में निर्जरा



मुनिश्री कमल कुमार जी ने इस अवसर पर फरमाया कि तपस्या कर्म निर्जरा का एक शक्तिशाली साधन है, और यह निर्जरा न केवल अगले जीवन में काम आएगी, बल्कि वर्तमान जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि तपस्या आत्म शुद्धि के लिए करनी चाहिए, जिससे स्वास्थ्य, विचार, व्यवहार, परिवार और कारोबार आदि सभी क्षेत्रों में नवीनता के दर्शन होते हैं। उन्होंने जैन दर्शन में बताए गए मोक्ष मार्ग के चार सरल रास्तों (ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप) का उल्लेख करते हुए कहा कि तपस्या उच्च मनोबल के बिना संभव नहीं है।

मासखमण तपस्वी कनक गोलछा का अभिनंदन
तपस्वी बहिन श्रीमती कनक गोलछा ने इस 31 दिवसीय (मासखमण तप) के अतिरिक्त दो वर्षीतप और एक से पंद्रह तक की तपस्या की लड़ियाँ भी की हुई हैं। वे उपासिका होने के साथ-साथ ज्ञानशाला गंगाशहर की प्रशिक्षिका भी हैं। उग्र विहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी स्वामी ने अपने गंगाशहर प्रवास के दौरान अब तक मासखमण या उससे ऊपर की 13 बड़ी तपस्याओं का प्रत्याख्यान करवाया है। तपस्वी बहिन कनक देवी गोलछा के लिए साध्वी प्रमुखा जी का संदेश प्राप्त हुआ, जिसका वाचन सभा के उपाध्यक्ष पवन छाजेड ने तेरापंथ भवन में किया। तेरापंथ महिला मंडल की बहनों द्वारा तपस्वी का अभिनंदन किया गया।








