तप आत्म शुद्धि के संस्कार को सुदृढ़ करता है’ – गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर



बीकानेर, 7 अक्टूबर। आध्यात्मिक नवपद ओली पर्व के नौवें दिन मंगलवार को सम्यक तप पद की साधना-आराधना एवं क्रियाएँ की गईं। रांगड़ी चौक स्थित सुगनजी महाराज के उपासरे में यह कार्यक्रम गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर , मुनि मंथ प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, साध्वी दीपमाला और शंखनिधि श्रीजी के पावन सान्निध्य में संपन्न हुआ।
तप का आध्यात्मिक महत्व
गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर ने प्रवचन में कहा कि केवल बाहरी तपस्या (जैसे एकासना, बियासना, तेला) ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि आंतरिक तप भी अत्यंत आवश्यक है।
आंतरिक तप: इसमें अधिकाधिक मंत्र जाप, स्वाध्याय, आत्म-परमात्म ध्यान शामिल हैं। उन्होंने भोग विलास की भावना को त्याग कर मोक्ष को लक्ष्य बनाने पर जोर दिया।
शुद्धि का माध्यम: गणिवर्य ने कहा कि तप आत्म शुद्धि के संस्कार को सुदृढ़ करता है, जिससे आत्मा कर्मों के मैल से मुक्त होकर स्वच्छ और पवित्र हो जाती है, ठीक वैसे ही जैसे अग्नि में शुद्ध हुआ सोना।
सार्थक तप: उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल भूखे रहना तप नहीं है। भूख और प्यास की लालसा पर नियंत्रण रखते हुए, मोक्ष के लक्ष्य को सामने रखकर की गई तपस्या ही सार्थक होती है।
सम्यक तप: सम्यक तप में संयम, आत्म-शुद्धि, तपस्या, योग और ध्यान का अभ्यास शामिल है। उन्होंने कहा कि आहार, विहार, विचार और व्यवहार को शुद्ध रखते हुए परमात्मा के प्रति समर्पित होकर की गई तपस्या अधिक फलदायी होती है।




अभिनंदन और आगामी कार्यक्रम
इस अवसर पर जोधपुर के वयोवृद्ध चिकित्सक डॉ. गोविंद मल सिंघवीं, प्रसन्नलता और मनकौर सिंघवी का अभिनंदन किया गया। अभिनंदन करने वालों में सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के पूर्व मंत्री रतन लाल नाहटा, खरतरगच्छ युवक परिषद के उपाध्यक्ष कमल सेठिया, खरतरगच्छ महिला परिषद की मंत्री लीला बेगानी और ज्ञान वाटिका की प्रभारी सुनीता नाहटा शामिल रहीं।



खरतरगच्छ युवक परिषद के अध्यक्ष अनिल सुराणा और मंत्री विक्रम भुगड़ी ने आगामी कार्यक्रम की जानकारी दी।
12 अक्टूबर (रविवार): सुबह 9:30 बजे सुगनजी महाराज के उपासरे में वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ राकेश शिव किशन (जोधपुर) ज्योतिष, वास्तु शास्त्र, अंक ज्योतिष और कलर थेरेपी पर विशेष व्याख्यान देंगे।
12 अक्टूबर (रविवार): इसी दिन महावीर भवन में पांच द्रव्य एकासना का आयोजन होगा और दोपहर में सुगनजी महाराज के उपासरे में ही बच्चों की ओपन बुक परीक्षा होगी।
