पहचान साबित करने के लिए आधार का इस्तेमाल कर सकेंगे बिहार के लोग, सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश

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quicjZaps 15 sept 2025

नई दिल्ली , 8 सितम्बर। बिहार में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इससे पहले चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट सुधारा जा रहा है। इसके चलते चल रहे विवाद के बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड का इस्तेमाल बिहार के लोग अपनी पहचान साबित करने के लिए कर सकते हैं। इसे वोटर सत्यापन के लिए जरूरी दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाए। इसकी मदद से लोग वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकते हैं या बाहर करा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया कि मतदाता पंजीकरण ढांचे के तहत स्वीकार्य पहचान प्रमाणों की सूची में आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में माना जाए। यह समावेशन जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के प्रावधानों के अनुरूप है। यह मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के लिए विभिन्न दस्तावेजों के इस्तेमाल की अनुमति देता है।

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भारत का नागरिक होने का प्रमाण नहीं आधार कार्ड
सुप्रीम कोर्ट ने पहचान और नागरिकता के बीच स्पष्ट कानूनी अंतर रेखांकित किया। कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड का इस्तेमाल पहचान स्थापित करने में हो सकता है, लेकिन इसका उपयोग भारतीय नागरिकता के प्रमाण के रूप में नहीं किया जा सकता। आधार अधिनियम और संबंधित वैधानिक प्रावधानों का हवाला देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम स्पष्ट करते हैं कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है। इसे नागरिकता के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।”

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आधार कार्ड को लेकर निर्देश जारी करे चुनाव आयोग
मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल अधिकारी आधार कार्ड की वास्तविकता को सत्यापित करने के लिए स्वतंत्र होंगे। ऐसा वे किसी अन्य पहचान दस्तावेज के साथ भी करते हैं। कोर्ट ने कहा,

आधार कार्ड को अधिकारियों द्वारा 12वें दस्तावेज के रूप में माना जाएगा। आधार कार्ड सही है या नहीं, इसकी जांच अधिकारी कर सकते हैं। इसे नागरिकता के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। चुनाव आयोग इस संबंध में आज ही निर्देश जारी करेगा। सुप्रीम कोर्ट में कार्यवाही के दौरान ECI (Election Commission of India) ने अपने वकील के माध्यम से पुष्टि की कि आधार को कानूनी प्रावधानों के अनुसार ही मान्य माना जाएगा।

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

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