साधुमार्गी जैन संघ ने किया रक्तदान शिविर का आयोजन



बीकानेर, 7 सितंबर। अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ ने अपने आचार्य रामलालजी की जन्मभूमि और चातुर्मास स्थल देशनोक में एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया। श्री समता युवा संघ द्वारा आयोजित इस शिविर में 321 लोगों ने रक्तदान किया। इसमें जैन समाज के अलावा अन्य धर्मों, जिनमें मुस्लिम भाई और महिलाएँ भी शामिल थीं, ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
सेवा और सद्भाव का उदाहरण
आचार्यश्री रामलालजी के देशनोक चातुर्मास व्यवस्था के संयोजक शांति लाल सांड ने बताया कि गुरुदेव की जन्मभूमि पर आयोजित यह रक्तदान शिविर अपने आप में एक मिसाल है। रक्तदान करने वालों ने जाति, वर्ग और धर्म की दीवारों को तोड़कर एक प्रशंसनीय और अनुकरणीय सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय दिया। इस प्रयास से न सिर्फ आचार्यश्री रामलालजी के प्रति सम्मान प्रकट हुआ, बल्कि समाज में स्वैच्छिक रक्तदान की भावना भी जागृत हुई। जैन धर्म के ‘जियो और जीने दो’ सिद्धांत के अनुरूप, रक्तदान को एक महादान बताया गया, जो जरूरतमंदों को नया जीवन दे सकता है।




पूर्व ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, देशनोक नगर पालिका अध्यक्ष ओमजी मूंधड़ा, और करणीमाता मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष बादल सिंह ने रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। यह रक्तदान शिविर प्रिंस विजय सिंह मेमोरियल अस्पताल, बीकानेर के सहयोग से आयोजित किया गया था।


सुंदरलाल दुग्गड़ को श्रद्धांजलि
बीकानेर के जाने-माने उद्योगपति, समाजसेवी और भामाशाह सुंदरलाल दुग्गड़ के निधन पर रविवार को उनके निवास गंगाशहर में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में जन प्रतिनिधियों और जैन समाज के गणमान्य लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्हें एक विराट व्यक्तित्व का धनी बताया गया। इस मौके पर अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।