साध्वी दीपमाला की तपस्या के अनुमोदनार्थ सांझी और वरघोड़ा



बीकानेर, 23 सितम्बर। गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर और अन्य जैन संतों के सान्निध्य में साध्वी दीपमाला श्रीजी की 15 दिन की तपस्या के अनुमोदनार्थ रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में सांझी कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में विभिन्न जैन समाजों की महिला मंडलियों ने भक्ति और तपस्या से जुड़े गीत गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया।
तपस्वी साध्वी का वरघोड़ा बुधवार को
खरतरगच्छ महिला परिषद की उपाध्यक्ष सुशीला धारिवाल ने बताया कि बुधवार सुबह 7:30 बजे डागा, सेठिया, और पारख मोहल्ले के महावीर भवन से साध्वीजी का वरघोड़ा (शोभायात्रा) निकलेगा। यह शोभायात्रा विभिन्न जैन-बहुल मोहल्लों से होते हुए रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में पहुँचेगी, जहाँ गणिवर्य के मंगल प्रवचन के बाद इसका समापन होगा। खरतरगच्छ महिला परिषद की मंत्री लीला बेगानी ने साध्वी दीपमाला के संयम मार्ग और तपस्याओं के बारे में जानकारी दी।





भांडाशाह जैन मंदिर में 511वाँ ध्वजा उत्सव
श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के तत्वावधान में, बीकानेर के प्रसिद्ध भांडाशाह जैन मंदिर में 511वाँ वार्षिक ध्वजा उत्सव मनाया गया। इस ऐतिहासिक मंदिर की पाँच ध्वजाओं को गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर ने 108 फीट ऊँचे शिखर पर चढ़कर मंत्रोच्चार के साथ बदला। यह पहली बार हुआ है जब कोई जैन संत इस मंदिर के शिखर पर चढ़े हैं।



मंदिर की ऐतिहासिकता और पूजन
यह मंदिर जैन धर्म के पाँचवें तीर्थंकर भगवान सुमति नाथ को समर्पित है। प्रन्यास के अध्यक्ष हरीश नाहटा ने बताया कि इस 15वीं शताब्दी के मंदिर की नींव में घी का इस्तेमाल किया गया था, जो इसे दुनिया भर में अनोखा बनाता है। इस उत्सव में शांति स्नात्र पूजा और 18 अभिषेक किए गए, जिसमें कई लाभार्थी परिवारों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में नीमच के विधिकारक संजय कांकरिया और सुनील जैन ने पूजा विधि संपन्न कराई। इस दौरान गणिवर्य और अन्य संतों ने भजनों की प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया।

