महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में राजस्थानी विभाग जल्द स्थायी हो – प्रो. कल्याण सिंह शेखावत


बीकानेर, 22 नवंबर। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (MGSU), बीकानेर के राजस्थानी विभाग द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यानमाला कार्यक्रम ‘राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति’ के अंतर्गत जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के राजस्थानी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. कल्याण सिंह शेखावत ने राजस्थानी विभाग को स्थायी करने की पुरजोर मांग की।
‘मातृभाषा में शिक्षा का मूल्य चुकाना दुखद’
प्रो. शेखावत ने कहा कि राजस्थानी प्रेमियों और विद्यार्थियों की मांग को देखते हुए अब समय आ गया है कि सरकार महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में विगत सात वर्षों से स्ववित्तपोषी (Self-Financing) स्तर पर चल रहे राजस्थानी विभाग को स्थायी कर दे। उन्होंने कहा, “विद्यार्थी को अपनी शिक्षा मातृभाषा में लेने का अधिकार है, ऐसे में यदि विश्वविद्यालय जैसी संस्था में विद्यार्थियों को अपनी भाषा और अपना साहित्य पढ़ने के लिए मूल्य चुकाना पड़े, तो इससे ज्यादा दुख की बात क्या हो सकती है।” उन्होंने जनप्रतिनिधियों और सरकार से इस दिशा में कार्य करने का आह्वान किया।



सोशल मीडिया से जुड़े युवा
प्रो. शेखावत ने मायड़ भाषा को व्यक्ति को उसकी जड़ों से जोड़ने का माध्यम बताया और विदेश में मातृभाषा के प्रति लोगों के प्रेम के संस्मरण साझा किए। विभाग प्रभारी डॉ. धर्मेश हिरवानी ने कहा कि राजस्थानी को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को सोशल मीडिया को माध्यम बनाना चाहिए। यदि छोटी-छोटी बातों को रोचक ढंग से राजस्थानी में प्रस्तुत किया जाए तो विषय को विशेष बल मिलेगा।



व्याख्याता डॉ. नमामी शंकर आचार्य ने प्रो. शेखावत के समग्र व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर विभाग व्याख्याता रामोवतार उपाध्याय ने राजस्थानी गीत गाकर सबको मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम का संचालन विभाग के व्याख्याता डॉ. गौरीशंकर प्रजापत ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. लीला कौर ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं और अन्य विभागों के व्याख्याताओं ने भाग लिया और विभाग को स्थायी करने के लिए लगातार प्रयास करते रहने का आश्वासन दिया।








