राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र में हिंदी सप्ताह का समापन, प्रतिभा को निखारने पर जोर

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

बीकानेर, 20 सितंबर। राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, बीकानेर में आज हिंदी सप्ताह का समापन समारोह और पुरस्कार वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने हिंदी को बढ़ावा देने और कर्मचारियों की बहुमुखी प्रतिभा को निखारने पर जोर दिया।
‘अश्वराज’ पत्रिका का विमोचन और हिंदी का महत्व
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केंद्र के प्रभागाध्यक्ष डॉ. एस.सी. मेहता ने कहा कि हिंदी से जुड़े कार्यक्रम केवल दिखावे के लिए नहीं होते। उन्होंने केंद्र की पहली राजभाषा पत्रिका ‘अश्वराज’ का जिक्र किया, जिसमें पिछले 28 कार्यक्रमों की झलकियाँ शामिल हैं। डॉ. मेहता ने दुष्यंत कुमार की कविता “हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए…” गाकर हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की अपनी भावना व्यक्त की।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

अपने अंदर के प्रोफेसर को जिंदा रखें’ – वांपद शर्मा
नई दिल्ली से आए मुख्य अतिथि वांपद शर्मा (निदेशक, प्रशासन, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) ने कहा कि अश्व अनुसंधान केंद्र में विज्ञान, पर्यावरण, पर्यटन, साहित्य और राजभाषा का एक अद्भुत मिश्रण देखने को मिला। उन्होंने केंद्र की शोध उपलब्धियों की सराहना की और कहा कि यहाँ की हरियाली रेगिस्तान को भुला देती है। उन्होंने कर्मचारियों को सलाह दी कि वे “अपने अंदर के लिटिल प्रोफेसर को जिंदा रखें” और डॉ. मेहता का उदाहरण दिया, जिन्होंने संग्रहालय, चिप और पत्रिका जैसे विविध क्षेत्रों में काम किया है।

pop ronak

काजरी के प्रभागाध्यक्ष डॉ. नवरतन पंवार ने भी कहा कि हिंदी के कार्यक्रम दिल से होने चाहिए और ऐसे आयोजन हमें अन्य संस्थानों के बारे में जानने का अवसर देते हैं। कार्यक्रम का संचालन राजभाषा अधिकारी डॉ. रत्नप्रभा ने किया, जिन्होंने हिंदी सप्ताह के दौरान हुए कार्यक्रमों की जानकारी दी। अंत में, अतिथियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *