प्राणिक हीलिंग चिकित्सा शिविर में बिना स्पर्श रोगियों का इलाज

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025
  • पहला सुख निरोगी काया-साध्वी प्रभंजना श्रीजी

बीकानेर, 28 अप्रैल। खरतर गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिन मणिप्रभ सूरीश्वर जी की प्रेरणा उनके अभियान मणिप्रभ स्वास्थ्य योजना के तहत रविवार को अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद (केयूप) व अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद (केएमपी) के संयुक्त तत्वावधान में प्राणिक हीलिंग शिविर आयोजित किया गया।
जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की वरिष्ठ साध्वी चन्द्रप्रभा की शिष्या साध्वीश्री प्रभंजना श्री आदि ठाणा के सान्निध्य में आसानियों के चौक के सूरज भवन में आयोजित शिविर में में तनाव चिड़चिड़ापन, अवसाद और कमजोरी, बेकाबू, क्रोध और हिंसा, भय, नकारात्मकता, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, खांसी, जुकाम आदि बड़ी संख्या का मरीजों का उपचार किया गया। शिविर में जयपुर की हीलिंग चिकित्सा पद्धति की प्रशिक्षिका मनीता माथुर, श्रीमती दीपा सिंघवी, तरुणा चोरड़िया, शैफाली मिश्रा ने सेवाएं दी।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

साध्वीश्री प्रभंजना श्री ने प्रवचन में कहा कि पहला सुख ’’निरोगी काया, दूसरा सुख धन और माया’’ कहावत का स्मरण दिलाते हुए कहा कि स्वस्थ रहने के लिए शुद्ध सकारात्मक आचार- विचार, आत्म-परमात्म साधना, शुद्ध शाकाहारी भोजन, करुणा, दया व प्रेम आदि जरूरी है। रोगी को दवाइयों के साथ उनके शुद्ध विचार व वातावरण और संतुलित भोजन स्वस्थ रखता है। तनाव को दूर करने के लिए प्राणिक हीलिंग चिकित्सा अच्छा माध्यम है। इसमें दूषित ऊर्जा हटाकर स्वच्छ प्राण का संचार किया जाता है। जिससे कि रोगी जल्दी स्वस्थ होता है। ।

pop ronak
kaosa

प्राणिक हीलिंग ट्रेनर जयपुर की मनीता माथुर ने पूर्व में चिकित्सा पद्धति जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित लोगों को ध्यान साधना करवाई तथा स्थूल व सूक्ष्म शरीर को स्वस्थ रखने के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्राणिक हीलिंग एक गैर स्पर्श, बिना साइड इफेक्ट की सूक्ष्म व स्थूल शरीर के मनोविकारों व विभिन्न रोगों को दूर करने की चिकित्सा है। प्राण एक ऊर्जा है जो सूक्ष्म शारीरिक चैनलों के नेटवर्क के माध्यम से शरीर में प्रवाहित होती है। केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के समान सूक्ष्म शरीर के नाड़ी चैनल के माध्यम से मन को जोड़ते हुए कार्य करते है। प्राणिक हीलिंग में उपचारों की आवृति और अवधि अलग-अलग होती है। साधारण व छोटी बीमारियों का उपचार जल्दी संभव है वहीं गंभीर व पुराने रोगों चिकित्सा में समय लगता है।

इस अवसर पर अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद (केयूप) के अध्यक्ष राजीव खजांची, मंत्री अनिल सुराणा, विक्रम भुगड़ी, कमल सेठिया, अरिहंत नाहटा व धवल नाहटा आदि सदस्यों अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद (केएमपी) की अध्यक्ष रेणु खजांची के नेतृत्व में मंत्री सुशीला धारीवाल आदि सदस्याओं ने अतिथियों व रोगियों का स्वागत किया तथा रोगियों के ईलाज में सहयोग किया।

कार्यक्रम में श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, भीखम चंद बरड़िया, हस्तीमल सेठी, राजेन्द्र लूणिया, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष अजीत मल खजांची, इंजीनियर अशोक पारख, सूरत के पवन पारख, श्री जिनेश्वर युवक मंडल के मंत्री मनीष नाहटा आदि उपस्थित थे।

mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *