अल्पसंख्यक वर्ग के जैन साधु – साध्वीयों के चातुर्मास विहार के दौरान सुरक्षा प्रदान करने एंव भूमि आवंटन के संबंध में मांग पत्र लिखा

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

बीकानेर , 11 मार्च। अखिल भारतीय जैन अल्पसंख्यक महासंघ के बीकानेर संभागीय अध्यक्ष संतोष कुमार बाँठिया ने निदेशक अल्पसंख्यक मामलात विभाग, जयपुर को पत्र लिखकर अल्पसंख्यक वर्ग के जैन समुदाय के श्रमणों ( साधु -साध्वी ) को विहार भ्रमण व चातुर्मास के दौरान बीकानेर ज़िले में विभिन्न स्थानों पर ठहरने के लिए भूमि-भवन व सुरक्षित स्थान आवंटन हेतु बीकानेर ज़िले से संबंधित जानकारी व प्रस्ताव भेजें हैं।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

उन्होंने पत्र में जैन साधु- साध्वी भगवंतों के द्वारा आमतौर पर विहार ( बीकानेर ज़िले में आवागमन) हेतु प्रयुक्त किये जाने वाले रूट पर बीकानेर ज़िले की सीमा में आने वाले मुख्य गाँव व क़स्बे एंव मार्ग का विवरण निम्नप्रकार से दिया है।

pop ronak
kaosa

1 बीकानेर – लूनकरणसर मार्ग

बिछवाल, खारा, जामसर, जगदेववाला, किसतूरिया, बामनवाली, मेहराणा पियाऊ, दूलमेरा, धिरेरा, हंसेरा, जाखड़वाला, लूनकरणस |

2 बीकानेर – श्री डूंगरगढ़ मार्ग

रीदमलसर पुरोहितान, रेसर, नोरंगदेसर, गुसैन्सर, सेरुना, झंझेऊ, जोधासर, लखसर, बेनिसर |

3 बीकानेर – नोखा मार्ग

उदरामसर, पलाना, देशनोक, रासीसर , पारवा, भामटसर, बुधारों की ढाणी , नोखा गाँव, बीकासर |

4 बीकानेर – कोलायात मार्ग

नाथूसर रुरल, नालबारी, नाल छोटी , शरह कुलेरा, सालसर, कोटरा, गोयलरी, छानी फांटा, कोटरी, कोलायात |

5 बीकानेर – अनूपगढ़ मार्ग

शोभासर, भद्रासर, नूरसर फांटा, लखासर, केला फांटा मुरतिगढ़, सतासर, छत्तरगढ़, खारवाली, रोझरी, दिलवाली, 3MLD, घरसाना, पतरोरा, अनूपगढ़ |

6 बीकानेर – कालू मार्ग

उदासर, पेमासर, बम्बलू , राणीसार, सेरेरा , हमेरा, राजेरा, खालदा, सेजरासर, कालू |

 जैन अल्पसंख्यक महासंघ के बीकानेर संभागीय अध्यक्ष संतोष कुमार बाँठिया ने मांग की है कि
1 बीकानेर ज़िले में चातुर्मास के दौरान जैन साधु-साध्वी भगवंतों के द्वारा जहां भी चातुर्मास होता है उस क्षेत्र का स्थानीय संघ आपको सुचित करेगा । चूँकि जैन संतों के चातुर्मास की घोषणा होली के पश्चात निर्धारित होती है। अतः चातुर्मास स्थल की व साधु संतों के विहार कर बीकानेर ज़िले में प्रवेश की सूचना आपको अप्रेल माह में प्रेषित कर सकेंगे । सूचना के आधार पर साधु-साध्वी भगवंतों की सुरक्षा व जैन समाज को प्रवचन हेतु उचित स्थानों पर ज़मीन की आवश्यकतानुसार आवंटन में अल्पसंख्यक विभाग सहयोग करे ।

2- जैन संत चातुर्मास अवधि के बाद एक स्थान पर लंबे समय तक नहीं रूकते हैं । चातुर्मास हेतु बीकानेर ज़िले में आवागमन के लिए अमूमन उपरोक्त दिये गये मार्ग उपयोग में लिए जाते हैं। किंतु नेशनल हाईवे व नगरपालिका क्षेत्रों के अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में भी विचरण रहता है , उस परिस्थिति में स्थानीय क्षेत्रवासियों के अनुसार रूट का निर्धारण होता हैं । हमारी बीकानेर ज़िले की कार्यकारिणी आपको समय समय पर संतों के आवागमन की सूचना प्रदान करती रहेगी ।

3 चूँकि आवागमन के दौरान जैन साधु-साध्वी भगवंत 10 से 15 किलोमीटर प्रतिदिन पैदल विहार करते है एंव विहार सूर्योदय बाद से सूर्यास्त पूर्व ही करते है। रात्रि में विचरण नहीं करते हैं। अतः आप से निवेदन है कि बीकानेर ज़िले में विचरण के मुख्य मार्गों पर प्रत्येक 15 से 20 किलोमीटर पर साधु- साध्वी जी के रूकने की समुचित व्यवस्था की जाये।

इस हेतु सरकार विहार-धाम की योजना बना कर मुख्य मार्गों पर प्रत्येक 15-20 किलोमीटर पर 200 -500 वर्गमीटर भूमि का जैन समाज को निःशुल्क आवंटन करे व अल्पसंख्यक योजना के MSDP प्रधानमंत्री मंत्री जी के 15सूत्री योजनाओं के तहत विहार धाम बनवाने में जैन समाज की आर्थिक सहायता करे ।

4 इन सभी के अतिरिक्त बीकानेर में जैन समाज की जनसंख्या के अनुरूप संपूर्ण संभाग के प्रत्येक क्षेत्र से विघार्थी उच्च शिक्षा हेतु व कोचिंग हेतु बीकानेर आते हैं किंतु बीकानेर में जैन समाज की कोई भी छात्रवास नहीं है। अतः जैन समाज का आप से सादर अनुरोध है कि जैन समाज के पुरुष व महिलाओं के लिए छात्रावास हेतु पॉंच एकड़ निःशुल्क ज़मीन का आवंटन शीघ्रातिशीघ्र किया जाये ।

5 जैन समाज के व्यक्तियों को अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र बनवाने हेतु निदेशालय अल्पसंख्यक विभाग के द्वारा समाज के मंदिरों, भवनों व स्थानकों व धार्मिक स्थलों पर कैंपो का आयोजन कर अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र बनवाने हेतु आवेदन पत्र भरवाने की सुविधा दी जाये । जैन समाज का प्रत्येक वर्ग इस कार्य में अपेक्षित सहयोग विभाग को करेगा ।

6 विगत कुछ वर्षों से जैन मंदिरों में चोरी व लूटपाट की घटनाएँ हो रही है आपसे अनुरोध है कि स्थानक व मंदिरों की सुरक्षा का भी पुख़्ता बंदोबस्त किया जाये ।

7 जैन समाज के द्वारा जैन बालक बालिकाओं में धार्मिक एवं नैतिक संस्कारों हेतु धार्मिक पाठशालाओं व ज्ञानशालाओं का संचालन किया जाता है । पाठशालाओं के अध्यापकों के लिए मासिक वेतन दिया जायें।

8 जैन धर्म आराधन भवन(स्थानक – देरासर) / मंदिर संस्कार निर्माण व आध्यात्मिक उत्थान एंव आराधना के स्थल है अतः इन स्थानों के 200 मीटर के दायरे में शराब व मांसाहार, अंडे आदि की बिक्री की दुकानों को प्रतिबंधित कराकर बिक्री बंद करायी जाये । ताकि जैन धर्म एंव भारत की गौरवशाली संस्कृति सुरक्षित व संरक्षित रह सके।

mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *