गोधरा जैसा कांड होने की आशंका सरकार सुरक्षा बढ़ाएं

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

कर्नाटक कांग्रेस नेता बोले-यहां गोधरा जैसा कांड होने की आशंका:राम मंदिर कार्यक्रम को राजनीतिक बताया; राज्य सरकार से सुरक्षा बढ़ाने को कहा।

बेंगलुरु , 3 जनवरी। कर्नाटक कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने आशंका जताई है कि 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले कर्नाटक में गोधरा जैसा कांड हो सकता है। इसलिए कर्नाटक सरकार को सतर्क रहना चाहिए। अयोध्या जाने के इच्छुक लोगों के लिए सही व्यवस्थाएं की जानी चाहिए, ताकि हमें एक और गोधरा कांड न देखना पड़े।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

हरिप्रसाद ने कहा कि मैं आपको जानकारी भी दे सकता हूं कि कुछ संगठनों के प्रमुख कुछ राज्यों में गए थे और उन्होंने वहां कुछ भाजपा नेताओं को उकसाया भी है। मैं ये खुलकर नहीं कह सकता हूं, लेकिन वे लोग ऐसा कर रहे हैं। वे ऐसे हादसों की साजिश रच रहे हैं। इसलिए गोधरा कांड जैसी घटना होने की पूरी आशंका है।

pop ronak
kaosa

राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह राजनीतिक कार्यक्रम
हरिप्रसाद ने कहा कि राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक कार्यक्रम है। कोई हिंदू धर्म गुरु राम मंदिर का उद्घाटन करता तो आप और मैं बिना किसी निमंत्रण के अयोध्या जाते।

उन्होंने कहा कि मेरी समझ से चार शंकराचार्य हिंदू धर्म के प्रमुख हैं। अगर चारों शंकराचार्यों या किसी धर्मगुरु ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया होता तो मैं भी कार्यक्रम में शामिल होता। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह धर्मगुरु नहीं बल्कि राजनेता हैं। हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा।

2002 में हुआ था गोधरा कांड
साल 2002 में गुजरात के गोधरा स्टेशन पर कुछ लोगों ने साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के S-6 डिब्बे में आग लगा दी थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। अहमदाबाद जाने के लिए साबरमती एक्सप्रेस गोधरा स्टेशन से चली ही थी कि किसी ने चेन खींचकर गाड़ी रोक ली और फिर पथराव के बाद ट्रेन के एक डिब्बे में आग लगा दी। ट्रेन में अयोध्या से लौट रहे तीर्थयात्री सवार थे।

तीन दिन तक चली हिंसा में एक हजार से ज्यादा लोगों की जान गई
गोधरा कांड के बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क उठे। इन दंगों में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे, जिनमें 790 मुसलमान और 254 हिंदू थे। गोधरा कांड के एक महीने बाद 28 फरवरी को अहमदाबाद की गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी में बेकाबू भीड़ ने 69 लोगों की हत्या कर दी थी।

मरने वालों में उसी सोसाइटी में रहने वाले कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी भी शामिल थे। इन दंगों से राज्य में हालात इस कदर बिगड़ गए कि स्थिति काबू में करने के लिए तीसरे दिन सेना उतारनी पड़ी। गोधरा कांड के बाद चले मुकदमों में करीब 9 साल बाद 31 लोगों को दोषी ठहराया गया था।

2011 में SIT कोर्ट ने 11 दोषियों को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बाद में अक्टूबर 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने 11 दोषियों की फांसी की सजा को भी उम्रकैद में बदल दिया था।

mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *