मंगल वेला में साध्वी डॉ गवेषणाश्री का हुआ मंगलमय चातुर्मास्य प्रवेश

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

अभिवन्दना समारोह में केन्द्रीय, स्थानीय संस्थाओं ने किया साध्वीवृन्द का स्वागत

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

चेन्नई , 7 जुलाई। ( स्वरूप चन्द दांती ) आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या डॉ गवेषणाश्री ठाणा 4 का 07.07.2024 रविवार पुष्य नक्षत्र की मंगलमय वेला में तेरापंथ सभा भवन, माधावरम्, चेन्नई में चातुर्मासिक प्रवेश हुआ।

pop ronak
kaosa

साध्वी डॉ गवेषणाश्री ने कहा कि भारत देश उगते सूरज का देश है। यहां भौतिकता के साथ आध्यात्मिकता का भी सूरज सदैव उदयमान रहता है। विश्व में चार तरह के व्यक्तियों- सत्तावान, ज्ञानवान, अर्थवान और साधुओं का सम्मान होता रहता है। बाकी तीन का तो अवसरवादिता के आधार पर सम्मान होता है, लेकिन साधु संतों का तो सर्वत्र विश्व में सदैव सम्मान होता हैं। क्योंकि वे सम्यक्त्व की साधना से आत्मकेंद्रित होते हैं। साधु नोट या वोट नहीं अपितु व्यक्तियों की खोट को निकाल उनका उद्धार करते हैं।

विशेष पाथेय प्रदान करते हुए साध्वीश्री ने कहा कि हमें अपने जीवन में तीन तरह की फैक्ट्री को लगाना चाहिए- शुगर फैक्ट्री अर्थात जबान से कटू नहीं बोलना चाहिए। माइंड में आइस फैक्ट्री लगाना, शांत सहवास से जीवन जीना चाहिए और तीसरी दिल में प्रेम की फैक्ट्री लगाने से, समझाने, समझोते, सौहार्द भाव से रहना चाहिए।

साध्वीश्री ने आराध्य की अभिवन्दना करते हुए कहा कि गुरुवर के निर्देशानुसार आज माधावरम् में चातुर्मास प्रवेश हो गया। साध्वी मंयकप्रभा ने कहा कि साधु साध्वी कषाय दलदल में फंसे हुए व्यक्तियों को बाहर निकाल उसकी दशा, दिशा में परिवर्तन ला सकते हैं। साध्वी मैरुप्रभा ने ‘माधावरम् का दरबार सुहाना लगता है’ और साध्वी दक्षप्रभा ने ‘दक्षिण की भूमि मन्दिरों की, ऋषि मुनियों का क्या कहना’ गीतिकाओं का संगान किया।

मुख्य व्यक्ता अधिवेक्ता पी एस सुराणा ने कहा कि दुर्लभ मनुष्य जन्म का सबसे अच्छा उपयोग संयम ग्रहण कर शुद्ध साधुपन पालन से करना चाहिए। संयम नहीं तो श्रमणों की उपासना कर, सेवा सुषुम्ना कर, वन्दन प्रवचन श्रवण कर भी उन्नत कर्मों की निर्जरा कर सकते हैं। जैन संस्कृति, भारतीय संस्कृति, शाकाहारी संस्कृति के हो रहे ह्रास, पतन को साधु संत ही रोक सकते हैं। मुख्य अतिथि अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने कहा कि चेन्नई का संघ समर्पित समाज है, शक्ति भक्ति से ओत:प्रोत हैं।

इससे पूर्व प्रातःकाल शुभ वेला में प्रमिला टिम्बर से अहिंसा रैली के साथ साध्वीवृन्द ने जैन तेरापंथ नगर, माधावरम् में मंगल प्रवेश कर रैली धर्मसभा में परिवर्तित हुई। नमस्कार महामंत्र से अभिवन्दना समारोह प्रारम्भ हुआ। माधावरम् महिला परिवार की बहनों ने मंगलाचरण गीत प्रस्तुत किया। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट के प्रबंधन्यासी घीसूलाल बोहरा ने स्वागत स्वर प्रस्तुत किया। उपासक स्वरूप चन्द दांती ने काव्यात्मक शैली में चारों साध्वीयों का परिचय प्रस्तुत किया। वर्ष 2022 के मूल्यांकन अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर चेन्नई के श्रेष्ठ ज्ञानार्थी हृदय आनन्द सेठिया को सम्मानित किया गया।

जैन विश्व भारती अध्यक्ष अमरचन्द लूंकड़, अणुविभा उपाध्यक्ष श्रीमती माला कातरेला, जैन महासंघ अध्यक्ष प्यारेलाल पितलिया, सभा उपाध्यक्ष हरिसिंह हिरावत, तेयुप अध्यक्ष संदीप मुथा, महिला मण्डल अध्यक्षा लता पारख, अणुव्रत समिति अध्यक्ष ललित आंचलिया, टीपीएफ से डॉ सुरेश संकलेचा, कोप्पल जैन संघ मंत्री पारसमल जीरावला, तिरुपुर सभाध्यक्ष अनिल आंचलिया, उपासिका संजू दुगड़ तिरुपुर, साहूकारपेट ट्रस्ट प्रबंधन्यासी विमल चिप्पड़, तण्डियारपेट ट्रस्ट प्रबंधन्यासी पूनमचन्द माण्डोत, सुमंगल साधिका श्रीमती अकल कंवर रांका, जेटीएन प्रवासी सुरेश शर्मा इत्यादि ने व्यक्तत्व, गीत के माध्यम से साध्वीवृन्द का स्वागत -अभिवन्दन किया।

तेरापंथ महिला मण्डल ने गीत द्वारा एवं ज्ञानशाला ज्ञानार्थीयों ने बारह वर्तों का विश्लेषण कर संयमी का संयम से स्वागत किया। तेरापंथ एजूकेशन एण्ड मेडिकल ट्रस्ट के चेयरमैन एम जी बोहरा ने मुख्य वक्ता का परिचय प्रस्तुत किया। मंच का कुशल संचालन सुरेश रांका और आभार ज्ञापन माधावरम् ट्रस्ट मंत्री पुखराज चोरड़िया ने किया।

 

mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *