पर्यूषण पर्व का द्वितीय दिवस स्वाध्याय दिवस के रूप में मनाया गया

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

 

उपस्थित जनसमुदाय

बीकानेर , 13सितंबर। पर्यूषण पर्व का द्वितीय दिवस स्वाध्याय दिवस के रूप में आयोजित किया गया। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, गंगाशहर के तत्वावधान में आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री श्रेयांश कुमार जी ने स्वाध्याय को ज्ञानावरणीय कर्म को क्षीण करने का महत्वपूर्ण साधन बताते हुए गीतिका का संगान किया। मुनि श्री विमल बिहारी जी ने स्वाध्याय की त्रिकालिक तप के रूप में व्याख्या की। सेवाकेंद्र व्यवस्थापिका शासनश्री साध्वीश्री शशिरेखा जी ने कहा कि पर्यूषण पर्व के 8 दिन में किए गए धर्म से वर्ष भर की खुराक मिल जाती है। यह समय आत्म चिंतन व आत्म मंथन करने का है। साध्वी श्री ललितकला जी ने स्वाध्याय की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वाध्याय से ज्ञानावरणीय, दर्शनावरणीय कर्म क्षय होते हैं। जीवन निर्माण के लिए स्वाध्याय अत्यंत जरूरी है। साध्वीश्री मृदुला कुमारी जी ने स्वाध्याय व चरित्र पर विस्तृत चर्चा की। साध्वी श्री योगप्रभा जी ने कहा कि जैन आगमों में स्वाध्याय के पांच प्रकार बताए हैं, वाचना, पृच्छना, परिवर्तना, अनुप्रेक्षा व धर्मकथा। स्वाध्याय से तीर्थंकर गोत्र बंधन भी हो सकता है।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

 

 

 

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *